रायपुर। फसल जैव विविधता में छत्तीसगढ़ अब देश में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। भारत सरकार के पौधा किस्म अधिकार संरक्षण प्राधिकरण ने यहां की 359 किस्म को जैव विविधता प्रमाण के लिए वास्तविक प्रजनक प्रमाण पत्र जारी किया है।फसल जैव विविधता में ओडिशा पहले पायदान पर है, जिनकी 775 फसल प्रजातियों को प्राधिकरण से प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
छत्तीसगढ़ समेत देश और पूरी दुनिया में पाई जाने वाली 359 फसलें ऐसी हैं, जिनकी उत्पत्ति छत्तीसगढ़ में हुई है।इसमें धान की 355, सरसों की तीन व टमाटर की एक किस्म शामिल है।
राज्य-कुल पंजीयन, इतने प्रमाणित किस्म
ओडिशा-975, 775, छत्तीसगढ़-1002, 359, पश्चिम बंगाल-635, 321,झारखंड-1030, 119, मध्यप्रदेश-463, 49
कई औषधीय गुण वाली धान की प्रजाति भी
लायचा धान-कैंसररोधी, महाराजी धान-लाल रक्त कणिकाएं बढा़ने में लाभकारी। गठवन धान- गठिया रोग में लाभकारी