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पीएससी घोटाला : पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और 45 लाख रिश्वत देने के आरोप में बजरंग पावर के डायरेक्टर गोयल गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले में सोमवार को सीबीआई ने पूर्व चेयरमैन और पूर्व आईएएस टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटिड के डायरेक्टर एसके गोयल को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया । पूर्व आईएएस टामन सिंह सोनवानी को को भूपेश बघेल राज में छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। इसके पहले टामन सिंह सोनवानी भूपेश बघेल के सचिव थे। सोनवानी को भूपेश बघेल का काफी करीबी माना जाता है। पीएससी घोटाला 2023 के विधानसभा चुनाव में बड़ा चुनावी मुद्दा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभाओं पीएससी घोटाले का जिक्र कर मामला सीबीआई को सौंपने और दोषियों को नहीं बख्शने का ऐलान भी किया था। पूर्व चेयरमैन सोनवानी और उद्योगपति गोयल की गिरफ्तारी से खलबली मच गई है।

राज्य में विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद पीएससी घोटाले को सीबीआई के हवाले कर दिया गया। सीबीआई ने इसी साल अगस्त महीने में पीएससी घोटाले को लेकर कुछ अफसरों और अभ्यार्थियों के यहाँ छापा मारा था। सीबीआई प्रवक्ता की ओर से जारी बयान के मुताबिक पूर्व चेयरमैन सोनवानी की गिरफ्तारी 45 लाख रुपए की रिश्वत के आरोप में की गई है। उन्हें कथित तौर पर रिश्वत देने वाले बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटिड के डायरेक्टर एसके गोयल को भी सीबीआई ने अरेस्ट किया है। बताते हैं कि गोयल के दो रिश्तेदार डिप्टी कलेक्टर के पद पर सलेक्ट हुए थे और सीबीआई की प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई कि इसके लिए कथित तौर पर 45 लाख रुपए का लेनदेन किया गया। सीबीआई ने अब तक केवल गिरफ्तारी की सूचना दी है, पूरे मामले का ब्योरा नहीं दिया।

छत्तीसगढ़ में राज्य लोक सेवा आयोग की 2020 से 2022 के दौरान हुई भर्ती परीक्षा में बड़ा घोटाला सामने आया था। इस परीक्षा के नतीजे 11 मई 2023 को घोषित किए गए थे। परीक्षा परिणाम आने के बाद छात्रों ने बड़ा आंदोलन किया था। इस कारण यह चुनावी मुद्दा बन गया। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग परीक्षा मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 14 अगस्त को राज्य में 15 जगहों पर छापेमारी की थी। इस घोटाले के तहत आरोप लगाया गया था कि आयोग के उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों ने अपने अयोग्य रिश्तेदारों को नियुक्तियां दी थीं, जिसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. वहीं, सीबीआई द्वारा कथित तौर पर भाई-भतीजावाद का फायदा उठाने वालों में रायपुर में 6, बिलासपुर में एक, धमतरी में 2 समेत 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस मामले में सीबीआई ने 16 ऐसे अभ्यर्थियों को नामजद किया है, जिनकी डिप्टी कलेक्टर, पुलिस उपाधीक्षक समेत अन्य बड़े पदों पर नियुक्ति हुई थी। इस मामले में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव और एक परीक्षा नियंत्रक पर जुलाई में अपने बेटे, बेटियों, रिश्तेदारों को मेरिट सूची में उच्च अंक दिलाने में मदद करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।

कांग्रेस नेताओं के बेटे-बेटियां भी हैं शामिल
सीबीआई के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया में आयोग के पूर्व अध्यक्ष सोनवानी के परिवार के पांच सदस्य लाभार्थी थे। इन पांच सदस्यों में उनके बेटे नितेश और बहू निशा कोसले (डिप्टी कलेक्टर), बड़े भाई के बेटे साहिल (डीएसपी ), बहू दीपा आदिल (जिला आबकारी अधिकारी) और बेटी सुनीता जोशी (श्रम अधिकारी) शामिल हैं।
सीबीआई की एफआईआर में शामिल शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मेरिट सूची में जगह बनाने वाले अभ्यर्थी कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों से जुड़े हैं। शिकायत में कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की बेटी भूमिका कटियार और दामाद शशांक गोयल और कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम शुक्ला का भी नाम शामिल है।

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