क्षेत्रीय भाषाओं का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शेयर चैट जल्द ही गूगल के हाथों बिक सकता है. सौदे पर गूगल से इसकी बात शुरू हो चुकी है. शुरुआत में ट्विटर से फंड हासिल करने वाला स्टार्ट-अप शेयर चैट की कीमत 1.03 अरब डॉलर हो सकती है. इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक इस सौदे की जानकारी रखने वालों का कहना है गूगल इस संबंध ड्यू डिलिजेंस करा चुका है. इसके अलावा नॉन बाइडिंग प्रपोजल पर भी सिग्नेचर हो चुका है.
बैंकर इस सौदे को अंजाम देने में लगे हैं. इस सौदे के जानकारों का कहना है कि शेयर चैट के फाउंडरों के पास इस सौदे के दौरान एक छोटी सी हिस्सेदारी रह सकती है. अगर गूगल के साथ यह सौदा पक्का हो जाता है तो सभी पांचों मौजूदा निवेशक इससे निकल जाएंगे. सितंबर ने शेयर चैट ने निवेशकों से चार करोड़ डॉलर जुटाए थे . इससे इसका फंड बढ़ कर 26 करोड़ 40 लाख डॉलर से भी ऊपर पहुंच गया था.
इस सौदे के जानकारों का कहना है कि शेयर चैट की वैल्यू 65 लाख डॉलर से ज्यादा हो सकती है. कंपनी अगर मध्य पूर्व समेत दूसरे देशों में अपना विस्तार करना चाहती है तो इसे और फंड की जरूरत पड़ सकती है. विश्लेषकों का कहना है कि शेयर चैट की हिस्सेदारी बेचने के लिए यह सही समय है. चूंकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बीच काफी तगड़ा कंपीटिशन है और इसे ऑपरेट करने के लिए काफी फंड की जरूरत पड़ती है इसलिए शेयर चैट की ओर से फंड जुटाने के लिए यह बिल्कुल सही वक्त है.
शेयर चैट 15 भाषाओं में अपना कंटेंट देता है. अगर सर्च इंजन गूगल शेयर चैट को खरीदने में कामयाब रहता है तो भारतीय भाषाओं में इसकी काफी अच्छी पहुंच हो जाएगी. टिक-टॉक और इस तरह के चीनी शॉर्ट वीडियो पर प्रतिबंध के बाद गूगल के लिए इस तरह के बाजार में अपना असर बढ़ाने में यह सौदा काफी मददगार साबित हो सकता है. टिक-टॉक पर बैन के बाद भारत में कई तरह के शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म लॉन्च किए जा चुके हैं.