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कोपरा नगर पंचायत चुनाव: नए चेहरों की तलाश में मतदाता, विकास रहेगा प्रमुख मुद्दा

 

गरियाबंद। गरियाबंद जिले की नवगठित कोपरा नगर पंचायत में पहले चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। यह पहला मौका होगा जब मतदाता सीधे तौर पर अपने नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। कोपरा की जनता इस बार पुराने चेहरों से अलग नए नेतृत्व की तलाश में है, जो उनके विकास के सपनों को साकार कर सके।

प्रत्यक्ष प्रणाली का असर

कैबिनेट द्वारा नगरीय निकायों में अध्यक्ष पद के लिए प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने की मंजूरी के बाद शहरी क्षेत्र के मतदाता अब सीधे अपने अध्यक्ष का चयन करेंगे। इससे राजनीतिक दलों पर नए और प्रभावशाली उम्मीदवारों को सामने लाने का दबाव बढ़ गया है।

विकास होगा चुनाव का मुख्य मुद्दा

ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बनने के बाद से कोपरा में विकास की गति ठहर-सी गई है। बुनियादी सुविधाओं की कमी जैसे- सड़क, पेयजल, आवासीय पट्टा, पीएम आवास योजना, आय-जाति प्रमाणपत्र, आदि बड़े मुद्दे बने हुए हैं। नगर पंचायत बनने के बावजूद यहां की जनता को राहत नहीं मिली है। इस बार मतदाता ऐसे नेता को चुनना चाहते हैं जो इन समस्याओं का समाधान कर सके।

बीजेपी के संभावित उम्मीदवार

भारतीय जनता पार्टी की ओर से वरिष्ठ नेता कमलेश साहू अध्यक्ष पद के सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। उनके अलावा निम्न नाम चर्चा में हैं:

रूपनारायण साहू (नगर पंचायत के मनोनीत उपाध्यक्ष के पति),झाड़ू राम तारक के नाम भी प्रमुखता से चर्चा में हैं। इसके अलावा,एमनलाल साहू,सष्टम साहू,दशरथ यादव,छमन लाल साहू,चतुर राम साहू,बसंत पटेल
महिला आरक्षण की स्थिति में भारती साहू, केकती साहू, और आशा छमन साहू भी प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं।

कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार

कांग्रेस पार्टी के खेमे से भी कई बड़े नाम उभरकर सामने आए हैं:

पूर्व जनपद सदस्य और पूर्व सांसद प्रतिनिधि ठाकुर राम साहू,जनपद उपाध्यक्ष योगेश साहू,पूर्व उप सरपंच राजेश यादव,पूर्व जनपद सदस्य नारायण साहू,नंदकुमार साहू पूर्व अध्यक्ष गौठान समिति,,पूर्व सरपंच प्रतिनिधि और पूर्व पंच अजय साहू,पूर्व प्रभारी सरपंच मोतीराम साहू,पूर्व सरपंच सूरज दाऊ के अलावा पत्रकार गोरेलाल सिन्हा के नाम कांग्रेस के संभावित दावेदारों में शामिल है।

महिला आरक्षण लागू होने की स्थिति में कांग्रेस की तरफ से ये नाम भी संभावित माने जा रहे हैं:

चितेश्वरी साहू (पूर्व सरपंच)

योगेश्वरी साहू (पूर्व सरपंच)

मालती साहू

सुनीता इशू तारक

भानुप्रिया रिकेश साहू

जनता की मांग: नए चेहरे और नई सोच

स्थानीय मतदाताओं का कहना है कि पुराने चेहरों को जनता पहले ही आजमा चुकी है। इस बार लोग ऐसे नेतृत्व की तलाश में हैं जो नगर पंचायत को नई दिशा दे सके। साथ ही, कोपरा की प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित कर विकास कार्यों को धरातल पर उतारने में सक्षम हो।

राजनीतिक दलों के लिए चुनौती

कोपरा की राजनीति हमेशा से गरियाबंद जिले में महत्वपूर्ण रही है। यहां के चुनावी नतीजे बड़े स्तर पर असर डालते हैं। राजनीतिक दलों के लिए यह चुनौती होगी कि वे जनता के विश्वास को जीतने के लिए सही उम्मीदवार को मैदान में उतारें।

चुनाव की तैयारी और आचार संहिता

त्रि-स्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव एक साथ कराए जाने की योजना के बीच, इस माह के अंत तक आचार संहिता लागू होने की संभावना है। इससे चुनावी गतिविधियां और तेज होंगी।

टिकट नहीं मिलने पर बागी बदल सकते हैं समीकरण

दोनों प्रमुख दलों—बीजेपी और कांग्रेस—के टिकट दावेदारों की लंबी सूची को देखते हुए यह तय है कि सभी को संतुष्ट करना संभव नहीं होगा। पार्टी से टिकट नहीं मिलने की स्थिति में कई नेता निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला कर सकते हैं। इससे राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं और मुख्य दलों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

अब सवाल यह है कि कोपरा का पहला अध्यक्ष कौन होगा? नए चेहरे को मौका मिलेगा या पुराने नामों की राजनीति फिर से चलेगी? जनता की पसंद जल्द ही साफ हो जाएगी।

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