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अंतर्राष्ट्रीय मृदा दिवस : अदाणी फाउंडेशन ने ऑर्गेनिक खेती और साल वृक्ष की नर्सरी पर दी अपनी प्रस्तुति

० गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर में अंतर्राष्ट्रीय मृदा दिवस पर आयोजित हुआ दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी और कार्यशाला

बिलासपुर।अंतर्राष्ट्रीय मृदा दिवस के अवसर गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर (जीजीडीसीयू) में एक दो-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी और कार्यशाला का आयोजन किया गया। भारतीय किसानों को कार्बन क्रेडिट का मुद्रीकरण और मृदा कार्बन का प्रबंधन कर लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय के वानिकी, वन्यजीव और पर्यावरण विज्ञान विभाग, राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और अदाणी फाउंडेशन के प्रायोजन में दिसंबर 5 और 6 को आयोजित की गयी इस संगोष्ठी और कार्यशाला में राष्ट्रीय स्तर के प्रोफेसरों ने अपने अनुसंधानों के बारे में बताया।

कार्यक्रम में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी) परियोजना के ग्रामों में अदाणी फाउंडेशन और अदाणी इंटरप्राइजेज के उद्यानिकी विभाग द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न पर्यावरणीय और सामाजिक स्थिरता के पहल की प्रस्तुति दी गयी। जिसमें खदान के करीब 1000 एकड़ के रेक्लेमड परिक्षेत्र में वनों के संवर्धन के लिए चलाये गए अभियानों के बारे में बताया गया। कार्यशाला में खासतौर पर जिन बातों का जिक्र किया गया वो थे साल प्रजाति के बढ़ते वन वृक्ष और वन उत्थान के लिए विशेष पहल और जानकारी, नर्सरी में साल के पौधे उगाने के लिए पुनर्जनन मॉड्यूल विकसित करना, नर्सरी में साल प्रजाति को इसके बीजों से उगाने में सफलता और 50,000 से अधिक साल के पौधे रोपने और उगाने के विधि । वहीं अदाणी फाउंडेशन द्वारा पीईकेबी के आसपास के ग्रामों में जैविक खेती के लिए चलाये जा रहे विशेष अभियान जिसमें जैविक खेती के महत्व के बारे में किसानों की जागरूक करना, मिट्टी में जैविक कार्बन बढ़ाकर मिट्टी की स्थिति में सुधार करना, मृदा जल धारण क्षमता बढ़ाने और मृदा स्वास्थ्य में सुधार के लिए कृषि क्षेत्र में वर्मीकम्पोस्ट का अनुप्रयोग, जैविक सब्जी, धान, दलहन और गेहूं की खेती को बढ़ावा देना, जैविक खाद, जैविक पेस्ट और कवक विकर्षक बनाने में सामुदायिक भागीदारी इत्यादि के बारे में संगोष्ठी में प्रस्तुति दी गयी।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. नीलाम्बरी दवे – कुलसचिव जीजीडीसीयू की भार्या और डॉ. मनीष श्रीवास्तव रजिस्ट्रार जीजीडीसीयू द्वारा किया गया। जिसमें सोमवार को जम्मू और कश्मीर से पधारे डॉ. ए के गंगवार, केंद्रीय क्षेत्रीय शिक्षा सतत विकास विशेषज्ञ, और प्रोफेसर आर के बाजपेयी, भूतपूर्व निदेशक और अनुसंधान, इंदिरा गांधी कृषि विज्ञान केंद्र, रायपुर द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। वहीं संगोष्ठी के दूसरे दिन भारत के विभिन्न प्रांतो से आये हुए कई प्रोफेसरों और बुद्धिजीवी वर्गों ने दिए गए विषयों पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अंत में सभी मेहमानों को डॉ. श्रीमती नीलाम्बरी दवे ने स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया वहीं विभाग प्रमुख द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया। संगोष्ठी के दौरान ग्राम परसा की महिला उद्यमी बहुउद्देशीय सहकारी समिती की महिलाओं ने अपने उत्पादों जैसे मसाला, कपड़ों तथा जूट के बैग, जैविक फूड इत्यादि की प्रदर्शनी लगाई, जिसे आये हुए सभी आगंतुकों द्वारा खूब पसंद किया गया।

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