गरियाबंद। जिले के थाना मैनपुर के अपराध 30/2022 अन्तर्गत धारा 302, 201 भा०दं० संहिता के अपराध में आरोपी रोहित कुमार ध्रुव, पिता कुरसो राम ध्रुव, उम्र 31 साकिन ठेमली, थाना मैनपुर, जिला गरियाबंद को अपर सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवांगन द्वारा दिनांक 05 दिसंबर मंगलवार को आरोपित धारा 302 भा०दं० संहिता में आजीवन कारावास एवं 2,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। एवं धारा 201 भा०द०संहिता में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2,000 रुपये का अर्थदण्ड कुल 4,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। प्रत्येक व्यतिक्रम में 1-1 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है।
जनक राम साहू, अतिरिक्त लोक अभियोजक, जिला-गरियाबंद ने जानकारी दिया है कि प्रार्थी सुमेर सिंह पिता कुरसो राम ध्रुव, उम्र 38 वर्ष निवास ग्राम ठेमली, थाना मैनपुर, जिला गरियाबंद, छ0ग0 ने इस आशय की थाना मैनपुर में मौखिक दर्ज कराई है कि घटना दिनांक 27.03.2022 को प्रातः 5 बजे महुआ बिनने खेत गया था, उस समय आरोपी रोहित का छोटा पुत्र संदीप उसकी पुत्री गमलेश्वरी ध्रुव के साथ सोया हुआ था, प्रातः 8:30 एवं 9 बजे के मध्य उसके पिता जी ने बताया कि आरोपी रोहित बडी बेरहमी से अपने छोटे पुत्र को मार रहा है उक्त सूचना पाकर वह अपने पिता जी कुरसो राम, तीरथ राम, मंगलू राम एवं चेतन दौड कर घर आये तो देखे की आरोपी रोहित के कमरे के दरवाजा बंद था जिसको खटखटा कर खोलवाने पर देखा तो आरोपी रोहित ने अपने छोटे बेटे को जमीन में गाड़ रहा था, किन्तु उसका सिर बाहर दिखाई दे रहा था। आरोपी रोहित अत्यधिक शराब के नशे में था
उसने पूछने पर बताया कि मेरा लड़का जिन्दा हैं मरा नहीं है जिस पर उसके पिता जी कुरसो राम ने कमरे के अन्दर जा कर बालक को छुकर देखा तो संदीप कुमार के शरीर में किसी भी प्रकार की हलचल नहीं थी एवं सास भी नहीं चल रही थी तब उसके पिता ने कहा कि नाती संदीप कुमार मर गया है। आरोपी रोहित से पूछने पर उसने कुछ नहीं बताया बस इतना कह रहा था कि मैं अपने लड़के को जिन्दा कर दूँगा मृतक संदीप कुमार के शव को गड्ढे से निकाल कर पाटे में रखा दिया था शव के माथे, बांयी आंख, नाक एवं गर्दन के पीछे की ओर चोटे दिखाई पड़ रही थी। गांव के सुखचंद एवं अन्य लोगों को मौके पर बुलाया गया। प्रार्थी की उक्त सूचना पर पुलिस द्वारा देहाती मर्ग कायम कर प्रकरण की जांच में लिया जाकर आरोपी के विरूद्ध धारा 302, 201 भां०दं०सहिता का अपराध पंजीबद्ध कर सम्पूर्ण विवेचना पश्चात न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था।
अपर सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवागंन के न्यायालय में प्रकरण की कार्यवाही प्रारंभ हुई अभियोजन द्वारा कुल 15 साक्षियों का परीक्षण कराया गया। अपर सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवांगन द्वारा प्रकरण में आये साक्ष्य के आधार पर आरोपी को दोषसिद्ध पाते हुये धारा 302 भा०दं० संहिता में आजीवन कारावास एवं 2,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। एवं धारा 201 भा०दं०संहिता में 10 वर्ष का कारावास एवं 2,000 रुपये का अर्थदण्ड कुल 4,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। प्रत्येक व्यतिकम में 1-1 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। उपरोक्त प्रकरण की पैरवी जनक राम साहू अतिरिक्त लोक अभियोजक गरियाबंद द्वारा किया गया है।