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जिपं सीईओ ने खेत में पहुंचकर बेलर मशीन से पैरा एकत्रित कर रहे किसान को किया प्रोत्साहित

० तिलई, अमरताल, तरौद और किरारी गोठान में पहुंचकर बढ़ाया किसानों, समूह की महिलाओं का मनोबल
० 10 दिसम्बर से 15 दिसम्बर तक पैरादान महोत्सव

जांजगीर-चांपा। जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. ज्योति पटेल तिलई गोठान के पास बेलर मशीन से संजय भैना के खेत में किये जा रहे पैरा एकत्रितीकरण को देखने पहुंच गई। उन्होंने किसान के द्वारा किये जा रहे पैरा एकत्रितीकरण की सराहना की और अन्य किसानों से भी बेलर मशीन का उपयोग करते हुए पैरा एकत्रित कर गोठान में पहुंचाने की अपील की। पैरादान महोत्सव में शनिवार 10 दिसम्बर को तिलई, अमरताल, तरौद व किरारी गोठान का निरीक्षण किया। इस दौरान तिलई में 30 टेªक्टर, अमरताल में 12 टेªक्टर, तरौद 5 टेªक्टर और किरारी में 18 ट्रेक्टर पैरादान हुआ।

जिला कलेक्टर  तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देश पर जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. ज्योति पटेल शनिवार 10 दिसम्बर को पैरादान महोत्सव में तिलई, अमरताल, तरौद व किरारी ग्राम पंचायत की गोठान पहुंची। इस दौरान उन्होंने किसानों, स्व सहायता समूह की महिलाओं सहित ग्रामीणों का मनोबल बढ़ाया। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से ही गोठान में पशुओं के लिए सालभर के लिए पैरा एकत्रित होगा। उन्होंने गोठान समिति एवं सचिव को गोठान में आए पैरा को सुरक्षित मचान पर रखने के निर्देश भी दिए। तिलई एवं अमरताल गोठान में किसानों, महिलाओं का उत्साहवर्धन किया। साथ ही अमरताल में चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा भी लेकर तेज गति वे कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके उपरांत जिपं सीईओ तरौद गोठान पहुंचकर पैरादान की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि पैरा आने के बाद उसे सुरक्षित स्थान में रखा जाए। जिपं सीईओ से किरारी गोठान में पैरादान करने आए किसानों, समूह की महिलाओं के अलावा ग्रामीणों ने सतत रूप से पैरादान करने की बात कही। पैरादान कर रहे किसानों, ग्रामीण एवं महिलाओं को नारियल एवं फूलमाला देकर सम्मानित किया।


गोठान से आजीविका की ओर
इस दौरान जिपं सीईओ ने कहा कि गोठान में जहां पशुओं के लिए आश्रय स्थल मिला है वहीं स्व सहायता समूह की महिलाओं को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। गोबर खरीदी के बाद वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा तिलई गोठान में गौमूत्र का निर्माण स्व सहायता समूह की महिलाएं कर रही है। वहीं बाड़ी, विकास, मुर्गीपालन, बतख पालन सहित अन्य आजीविका से स्वरोजगार की ओर अग्रसर है। इस दौरान जिपं सीईओ को तिलई गोठान में स्व सहायता समूह की महिलाओं ने किस तरह से गौमूत्र से ब्रम्हास्त्र एवं जीवामृत तैयार करते हैं इस विधि की जानकारी दी।

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