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योगी आदित्यनाथ : योजनाएं एसी रूम में बैठकर नहीं, स्थानीय स्तर पर बनानी होंगी

गोरखपुर. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वांचल में सब कुछ है. यहां 9 तरह की कृषि जलवायु, दुनिया की सबसे उपजाऊ भूमि, प्रचुर मानव संसाधन, भरपूर पानी, निरंतर बहने वाली गंगा-जमुना व सरयू सरीखी नदियां. इनके आधार पर हम पूर्वांचल को देश का समृद्धतम इलाका बनाएंगे. बता दें कि सीएम योगी गुरुवार शाम गोरखपुर विश्वविद्यालय व नियोजन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित ‘पूर्वाचल के सतत विकास मुद्दे, रणनीति एवं भावी दिशा’ विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी का बतौर मुख्य अतिथि शुभारंभ कर रहे रहे थे.

इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के बारे में जान-बूझकर एक सोच विकसित की गई. यह सोच थी कि पूर्वांचल गरीब और पिछड़ा है. जवाबदेही से बचने के लिए अकादमिक संस्थाओं ने भी इस पर ठप्पा लगा दिया. लिहाजा हमने भी उसको स्वीकार कर लिया. सच इससे बिल्कुल इतर है. याद रखिए यह काम हार्वर्ड और कैम्ब्रिज नहीं करेंगे, खुद करना होगा. यहां के युवाओं, किसानों और शिल्पकारों को जोड़कर करना होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी जिलों की एक खूबी है. इसी खूबी को ब्रान्ड बनाने के लिए हमने एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना शुरू की. आज यह देश की सर्वाधिक लोकप्रिय योजना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को इसी योजना के जरिये साकार करेंगे.”

योगी ने कहा कि यह भगवान राम, बुद्ध, अधिकांश जैन र्तीथकर, क्रियात्मक योग के जनक गुरु गोरखनाथ की धरती है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में ही दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन कुंभ होता है. हाल में हुए कुंभ की दिव्यता, भव्यता और विशालता को पूरी दुनिया ने देखा था. दुनिया के सबसे बड़े महाकाव्य रामायण की रचना यहीं हुई थी. दीपावली यहीं के अयोध्या की है तो देव दीपावली काशी की. भगवान बुद्ध से जुड़े 6 स्थलों में 5 पूर्वी उत्तर प्रदेश में हैं. पूर्वाचल में स्प्रिचुअल, इको, हेरिटेज टूरिज्म की भारी संभावनाएं हैं. सीएम ने कहा कि जो जवाबदेह हैं, उन्हें अपनी जवाबदेही समझनी होगी.

योगी ने आगे कहा, “हमें सफेद हाथी नहीं खड़े करने हैं, नतीजे देने हैं. योजनाएं एसी रूम में बैठकर नहीं, स्थानीय स्तर पर वहां के विशेषज्ञों से मिलकर वहां की जरूरतों के अनुसार बनानी होंगी. सरकार बेहतर कानून व्यवस्था, विश्व स्तरीय बुनियादी सुविधाओं और नीतियों के जरिये हर सम्भव मदद कर रही है.”

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