Close

सरायपाली : सत्ता और संगठन में रार…. आने वाले चुनाव में भारी पड़ेगी तकरार

सरायपाली। प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने प्रंंदह वर्ष का वनवास काटने (विपक्ष में रहने ) के बाद सत्ता में वापसी की है परंतु अपने पार्टी के भीतर गुटबाजी को हावी होने से नहीं रोक पा रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरायपाली विधानसभा के विधायक व नगर पालिका अध्य्क्ष के आपसी मतभेद के चलते पार्टी दो गुटो में बंट गयी है। एक गुट विधायक के सर्मथन में है तो दूसरा गुट छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री शिव डहरिया को आने वाले विधानसभा चुनाव में सरायपाली प्रत्याशी बनाने के लिए आतुर है।

आखिर इन चार वर्ष में ऐसा क्या हो गया कि प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस ,सरायपाली विधानसभा में कांग्रेस ,और नगर पालिका में कांग्रेस होते हुए भी आपसी सांमजस्य कमी है। सूत्रो की माने तो सोसाइटी अध्यक्षों से लेकर विधायक प्रतिनिधि, गौठान समिति, शाला विकास समिति,जैसे विभिन्न अहम पदो पर वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं दिए जाने से वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है।

कार्यकर्ताओं ने जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम तक से की है, कि गैर कांग्रेसीयो को बिना विचार विमर्श किए मनमाने ढंग से विभिन्न पदो पर मनोनीत किया गया है। जहाँ एक तरफ महासमुंद जिले के चारो विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है वहाँ सरायपाली में गुटबाजी अपने चरम पर है।जिसकी जानकारी प्रदेश के आला नेताओं तक पहुँच चुकी है। अब आने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपने सरायपाली विधानसभा सीट को बचा पाती है या नहीं यह समय तय करेगा पंरतु सत्ता का अंहकार और संगठन की नाराजगी से नुकसान कांग्रेस को ही होगा ऐसे में विपक्ष में बैठी भाजपा को बिना कुछ किए बैठे बिठाए सरायपाली विधानसभा की सीट मिल जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। ठीक उसी प्रकार जैसे भाजपा की नाराजगी से कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई थी।

scroll to top