महाराष्ट्र: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अजित पवार समेत महाराष्ट्र के कई मंत्रियो और नेताओं के बंगले में लाखों का पानी का बिल न भरने की वजह से मुंबई महानगरपालिका ने इन्हें डिफॉलटर घोषित कर दिया है. मुंबई महानगरपालिका की तरफ से पानी के बिल के बकायेदारों की एक लिस्ट जारी की गई है जिसमें तमाम मंत्रियों और नेताओं के सरकारी आवास के बिल शामिल हैं जिन्हें अभी तक भरा नहीं गया है. साथ ही इन सब बंगलों को डिफाल्टर घोषित किया गया है.
जिन मंत्रियों के सरकारी आवासों के पानी का बिल बकाया है उसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (वर्षा बंगला), वित्तमंत्री अजित पवार (देवगिरी), जयंत पाटील (सेवासदन), नितीन राउत, उर्जा मंत्री (पर्णकुटी), बाला थोरात, महसूलमंत्री (रॉयलस्टोन), विरोधीपक्ष नेते देवेंद्र फडणवीस (सागर), अशोक चव्हाण (मेघदूत) सुभाष देसाई, उद्योगमंत्री (पुरातन), दिलीप वळसे पाटील (शिवगिरी), सार्वजनिक बांधकाम(सार्वजनिक उपक्रम) मंत्री एकनाथ शिंदे (नंदनवन), राजेश टोपे (जेतवन), नाना पाटोळे, विधानसभा अध्यक्ष (चित्रकुट), राजेंद्र शिंगे (सातपुडा), नवाब मलिक (मुक्तागीरी), छगनराव भुजबळ (रामटेक), रामराजा निंबाळकर विधानभवन सभापती (अजंथा) एवं सह्याद्री अतिथीगृह इत्यादि का नाम शामिल है.
बीएमसी की तरफ से पानी के बकाया दरों की जानकारी जुटाने वाले आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद की माने तो मुंबई महानगरपालिका आम आदमी के पानी बिल अगर बकाया रहते हैं तो उनके कनेक्शन तुरंत काटने पहुंच जाती है. लेकिन मंत्रियों के आवासों पर लाखों के बिल बकाया हैं फिर उसे सालों वसूलने का काम क्यों नहीं करती. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर सरकारी विभाग समय पर पानी का बिल नहीं भरता है, तो फिर सामान्य जनता पर इसका क्या असर होगा. आम लोग जिनके पानी का बिल बकाया है वो भी लापरवाह हो जाती है जिससे सरकारी राजस्व का ही नुकसान होता है.
इस मुद्दे पर मुंबई के मेयर किशोरी पेडणेकर ने कहा है कि साल 2017 में भी बीएमसी ने मंत्रियों के बंगले के बकाया बिलों पर कार्यवाही की थी. हमने उनसे रिक्वेस्ट कर रहे हैं कि वह बिल भरें वाटर डिपार्टमेंट को भी इसके बारे में जानकारी दी गई है और हमें उम्मीद है जल्द ही एक साथ तो नहीं लेकिन थोड़ा-थोड़ा करके पानी का बिल मंत्रियों के बंगलों का जमा होगा.