0 कोरबा सांसद ने संसद में रेल मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया
0 कोरबा स्टेशन तक यात्री गाड़ियों का विस्तार, नई ट्रेनों का परिचालन और एक्सप्रेस के ठहरा का मुद्दा उठाया
रायपुर। कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेते हुए संसदीय क्षेत्र से जुड़ी रेल संबंधी समस्याओं का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। उन्होंने इसे खेदजनक बताया कि बिलासपुर रेलवे जोन की राजस्व आय का 80 प्रतिशत हिस्सा कोरबा का है लेकिन इसके बाद भी कोरबा को यात्री सुविधाओं, नई यात्री गाड़ियों का परिचालन एवं यात्री गाड़ियों के विस्तार से वंचित रखा गया है।
कोरबा तक यात्री गाड़ियों का करें विस्तार
सांसद ने रेल मंत्री से मुखातिब होते हुए कहा कि कोरबा इतवारी (नागपुर) कोरबा से इतवारी तक जाती है लेकिन वापसी में बिलासपुर में रुक जाती है जिसका विस्तार कोरबा तक किया जाये। कोरबा-अमृतसर छत्तीसगढ़ एक्सपे्रस कोरबा से जाती है लेकिन वापसी में बिलासपुर में रुक जाती है जिसे कोरबा तक लाया जाये। कोरबा-रायपुर हसदेव एक्सप्रेस का विस्तार डोंगरगढ़ तक किया जाये। निर्माणाधीन गेवरा-पेण्ड्रारोड रेल कारिडोर में पसान (93) रेलवे स्टेशन प्रस्तावित था इसलिए पसान (बैरा साड़ामार) में रेलवे स्टेशन का निर्माण करायें।
बीकानेर तक चले नई ट्रेन, पिटलाइन जल्द शुरू हो
सांसद ने कोरबा से नयी यात्री ट्रेनों के परिचालन की मांग रखते हुए कहा कि कोरबा-बालपुर-सारागांव रेल ट्रैक बने 5 साल से ऊपर हो चुका है और मालगाड़ी का परिचालन हो रहा है। यहां यात्री रेल का परिचालन, कोरबा से राउरकेला मार्ग तक नई ट्रेन आगामी बजट में प्रस्तावित किया जाए। कोरबा से कटनी मार्ग पर एक भी यात्री ट्रेन नहीं है जो प्रारंभ किया गया है। बैकुंठपुर रोड एवं कटोरा रेलवे स्टेशन के मध्य नवीन रेलवे स्टेशन उरूमदुगा की स्थापना के लिए बजट में प्रावधान रखा जाए। कोरबा रेलवे स्टेशन में पिट लाइन बनकर तैयार है जिसे जल्द शुरू किया जाए ताकि नई यात्री ट्रेनों के परिचालन में सुविधा हो। कोरबा-बीकानेर नई यात्री ट्रेन के लिए भी बजट में प्रावधान करें।
एक्सप्रेस गाड़ियों का मांगा ठहराव
सांसद ने कहा कि चाम्पा रेलवे स्टेशन में गीतांजली एक्सप्रेस, ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस, कर्मभूमि एक्सप्रेस का ठहराव के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए। कोरबा रेलवे स्टेशन से चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों का सरगबुंदिया एवं मड़वारानी मेें ठहराव किया जाए। सांसद ने अवगत कराया कि कोरबा ईस्ट-वेस्ट रेल कारिडोर के तहत गेवरा रोड-पेण्ड्रा रोड रेल कारिडोर का 24 सितंबर 2018 को तत्कालीन रेल मंत्री द्वारा भूमिपूजन किया गया। वर्ष 2021 तक कार्य पूर्ण होने की घोषणा की गई थी लेकिन खेद का विषय है कि 2022 तक लगभग 55 प्रतिशत कार्य ही हो पाया है। कार्य में प्रगति लाने आवश्यक कार्यवाही करें।
डेढ़ किलोमीटर में 5 फाटक, शहर में ट्रैफिक समस्या
सांसद ने रेलवे के हवाले से सदन को बताया कि पूर्व वित्तीय वर्ष में 135 मिलियन टन का लदान कोरबा रेलवे द्वारा किया गया जिसमें लगभग 18 हजार करोड़ की अनुमानित आय हुई। इस वित्तीय वर्ष के 239 दिन में 100 मिलियन टन कोयला कोरबा से प्रतिदिन लदान कर रेलवे ने कीर्तिमान स्थापित किया। लगभग 45 रैक, अप-डाउन 90 रैक कोरबा शहर के बीच से गुजरती है जिसमें शहर में 1.5 किलोमीटर में 5 रेलवे फाटक हैं, जिससे शहर में ट्रैफिक व्यवस्था की समस्या रहती है। 5 रेलवे फाटक पर अंडर ब्रिज या ओव्हर ब्रिज का निर्माण किया जाए। संसद में रेल मुद्दों पर कोरबा की आवाज प्रमुखता से रखे जाने पर रेल संघर्ष समिति, रेल सुविधाओं के लिए आंदोलनरत शहर से लेकर कोयलांचलवासियों एवं सांसद प्रतिनिधि हरीश परसाई, मनोज अग्रवाल आदि ने सांसद के प्रयासों को सराहा !