० ’बिहान’ द्वारा आयोजित क्षेत्रीय सरस मेला में दस राज्य ले रहे हैं हिस्सा, स्वसहायता समूहों द्वारा निर्मित प्राकृतिक उत्पादों की होगी प्रदर्शनी व बिक्री
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के अंतर्गत गठित महिला स्वसहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी और विक्रय के लिए रायपुर के शंकर नगर स्थित बीटीआई मैदान में 25 दिसम्बर तक क्षेत्रीय सरस मेला का आयोजन किया गया है। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा ने आज शाम मेले का शुभारंभ किया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के संचालक अवनीश कुमार शरण और रायपुर के कलेक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे भी शुभारंभ कार्यक्रम में मौजूद थे।
क्षेत्रीय सरस मेले में छत्तीसगढ़ के साथ ही कई राज्यों के ग्रामीण समुदायों द्वारा निर्मित सामग्रियों को बिक्री और प्रदर्शन के लिए रखा गया है। मेला में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के फूड स्टॉल भी लगे हैं। मेला में ओडिशा, असम, गुजरात, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के ग्रामीण समुदायों द्वारा उत्पादित उत्कृष्ट उत्पाद भी प्रदर्शनी-सह-विक्रय के लिए उपलब्ध हैं। मेलास्थल में रोज शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी होगी। ‘बिहान’ के अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं तथा प्रदेश के गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में काम कर रहे समूहों द्वारा उत्पादित व निर्मित प्राकृतिक उत्पादों के प्रोत्साहन और विक्रय के लिए आयोजित इस मेला में लोग प्रतिदिन सवेरे दस बजे से रात दस बजे तक प्रदर्शनी, खरीदी, छत्तीसगढ़ी व्यंजनों तथा सांस्कृतिक संध्या का आनंद ले सकेंगे।
राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गांवों की समृद्धि और रोजगार के लिए संचालित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन – ‘बिहान’ के अंतर्गत इस क्षेत्रीय सरस मेला का आयोजन किया गया है। मेला में ‘बिहान’ के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में गठित महिला स्वसहायता समूहों द्वारा निर्मित कई विशिष्ट जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी-सह-विक्रय की व्यवस्था है। कोसा, सिल्क, खादी, हैण्डलूम, बैलमेटल, टेराकोटा, बांस, काष्ठ शिल्प इत्यादि उत्पाद यहां बिक्री और प्रदर्शनी के लिए रखे गए हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों से रसायन मुक्त विशेष उत्पादों जैसे सुगंधित चावल, ब्लैक राइस, मसाले, तेल, वनोपज आधारित दुर्लभ उत्पाद, शहद इत्यादि की बिक्री भी मेला में की जा रही है।