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चेक पेमेंट से जुड़े ये नियम 1 जनवरी से लागू हो जाएंगे, जान लीजिए सब कुछ

नई दिल्ली: आरबीआई ने पॉजिटिव पे सिस्टम के तहत चेक पेमेंट के नए नियम जारी किए हैं. ये नियम 50 हजार रुपये से ज्यादा के पेमेंट के लिए लागू हो रहे हैं. इसके तहत इस नए नियम के तहत 50,000 रुपये से ज्यादा का पेमेंट करने के लिए कुछ मुख्य जानकारियों को री-कंफर्म करना होगा. हालांकि यह सुविधा ग्राहक की मर्जी पर निर्भर है कि वह इसे लेना चाहता है या नहीं. बैंक पांच लाख से अधिक के चेक पेमेंट में इसे अनिवार्य बना सकते हैं.

‘पॉजिटिव पे’ फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी को रोकने का एक टूल है. फर्जीवाड़े को पकड़ने के लिए ये टूल क्लियर करने के लिए दिए जाने वाले चेक से संबंधित कुछ विशेष जानकारियों की पुष्टि करता है. ये जानकारियां हैं- चेक नंबर, चेक डेट, पेई का नाम, अकाउंट नंबर, अमाउंट और वे सभी जानकारियां जो चेक जारी करने वाले ने पहले के चेक में दी होंगी.

इस प्रक्रिया के तहत चेक जारी करने वाला शख्स कुछ न्यूनतम जानकारी जैसे चेक डेट, बेनिफिशियरी या पेई का का नाम, अमाउंट ड्रॉई बैंक की जानकारी एसएमएस , मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम के जरिये देगा.

नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI, CTS यानी चेक ट्रंकेशन सिस्टम में पॉजीटिव पे की सुविधा डेवलप करेगा और बैंकों को मुहैया कराएगा. बैंक इस फैसिलिटी को सभी अकाउंट होल्डर एनेबल करेगा, जो 50 हजार या उससे ज्यादा रकम के चेक जारी करना चाहते हैं.

अकाउंट होल्डर जो जानकारी देगा, उसे बैंक का सिस्टम पॉजिटिव पे के सेंट्रलाइज्ड डेटा सिस्टम में अपलोड करेगा. जब बैंक के पास चेक आएगा तो वो इस जानकारी को सेंट्रल डेटाबेस से मिलान कराएगा. अगर चेक में दी गई जानकारी का मिलान अकाउंट होल्डर की ओर से दी गई जानकारी से हो जाता है तो पेमेंट हो जाएगा. अगर जानकारी मैच नहीं होगी, तो बैंक चेक रिजेक्ट कर देगा.

आरबीआई ने बैंकों को सलाह दी है कि वे एसएमएस, अलर्ट, ब्रांचों में डिस्प्ले, एटीएम, वेबसाइट और इंटरनेट बैंकिंग के जरिये अपने ग्राहकों को पोजिटिव पे सिस्टम इसके फीचर की जानकारी दे. इस बारे में जागरुकता फैलाएं.

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