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मुश्किल दौर से गुजर रही वोडाफोन इंडिया की फंडिंग के लिए अब ओक हिल के साथ आएगी पीमको और गोल्डन ट्री

फंड की कमी की वजह से संकट से जूझ रहे वोडाफोन आइडिया को फंड मुहैया कराने के लिए अब अमेरिका स्थित एसेट मैनेजमेंट कंपनी गोल्डन ट्री एंड पैसिफिक इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी ओक हिल की अगुआई वाले कंसोर्टियम में शामिल हो सकते हैं. तीनों मिलकर वोडाफोन आइडिया को 14,700 करोड़ रुपये से अधिक का फंड मुहैया करा सकती हैं.

ग्लोबल एसेट और फंडिंग कंपनियों के इस कंसोर्टियम का इरादा वोडाफोन आइडिया की फंडिंग के जरिये इसे संकट से बाहर निकाला है. साथ ही ये कंपनियां वोडाफोन आइडिया को दिए जाने वाले फंड का जोखिम भी कम करना चाहती है. ज्यादा से ज्यादा कंपनियों को फंडिंग के लिए शामिल करने से जोखिम कम हो जाएगा.

वोडाफोन के लिए फंडिंग का जो मॉडल तैयार किया जा रहा है और उसमें कंपनी के बॉन्ड और वारंट की खरीद शामिल है. इसमें इक्विटी का भी ऑप्शन शामिल हो सकता है. यानी फंडिंग कंपनियां एक वक्त के बाद कर्ज को इक्विटी में तब्दील कर सकती है. ब्रिटेन के वोडाफोन ग्रुप और आदित्य बिड़ला के ज्वाइंट वेंचर वोडाफोन आइडिया को अपने 4 जी ऑपरेशन को और पुख्ता बनाने के लिए भारी फंडिंग की जरूरत है. वोडाफोन अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनियां की तुलना में तेजी से ग्राहक खो रही है. इसके साथ ही इसे सरकार को अपना बकाया भी चुकता करना है.

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