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कृषि कानूनों पर विपक्ष के कड़े विरोध के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी से किया ये सवाल

कृषि क्षेत्र में नए सुधार संबंधी तीन कानूनों के विरोध में करीब एक महीने से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास आकर हजारों की तादाद में किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इन प्रदर्शनकारी किसानों में अधिकतर पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा से हैं जो तीन कृषि कानूनों की वापसी की अपनी जिद पर अड़े है. कांग्रेस समेत विपक्षी दलों की तरफ से भी इन कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला जा रहा है. इस बीच, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस की तरफ से इन कानूनों के विरोध को लेकर राहुल गांधी से सवाल पूछा है.

निर्मला ने कहा- मैं राहुल गांधी से यह पूछना चाहती हूं कि क्या किसान के हित में इन नीतियों को कांग्रेस ने 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया था. वे इसलिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि इन सुधारों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लागू किया है, ना कि उनकी तरफ से.

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने आगे कहा- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को संबोधित कर यह साफ कर दिया है कि सरकार उन लोगों के साथ बातचीत को तैयार है जिनके मन में तीन नए कृषि कानूनों को लेकर सवाल हैं. मुझे उम्मीद है कि अब प्रदर्शनकारी किसानों की तरफ से सरकार से इस बारे में बातचीत की जाएगी.

इस बीच पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक बटन दबाकर जारी कर दी. देश के 9 करोड़ से ज्यादा किसान लाभार्थियों के खातों में 18,000 करोड़ रुपये तत्काल रूप से ट्रांसफर हो गए. इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने छह राज्यों के किसानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत भी की.

अरुणाचल के किसान के साथ संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘कुछ लोग ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि आपकी फसल का कोई कांट्रैक्ट करेगा तो जमीन भी चली जाएगी. इतना झूठ बोल रहे हैं.’

देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘किसानों के जीवन मे खुशी, हम सभी के जीवन में खुशी बढ़ा देती है. आज का दिवस तो बहुत ही पावन भी है. किसानों को आज जो सम्मान निधि मिली है, उसके साथ ही आज का दिन कई अवसरों का संगम बनकर भी आया है.’

पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘मुझे आज इस बात का अफसोस है कि पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है. बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं. लेकिन राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है.’

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