पॉल्ट्री इंडस्ट्री को कोराना वायरस संक्रमण के बाद अब बर्ड फ्लू का झटका लगा है. देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू फैलने से चिकन, अंडों और दूसरे चिकन प्रोडक्ट की बिक्री काफी गिर गई है. दूसरे राज्यों से चिकन लाने पर लगे प्रतिबंध से उत्तर भारत में चिकन मार्केट को काफी नुकसान पहुंचा है. इंडस्ट्री का एक शिष्टमंडल जल्द ही इस संकट को लेकर सरकार से मुलाकात करेगा. उत्तर भारत में अभी तक बर्ड फ्लू के मामले हरियाणा में मिले है.यहां यह बीमारी सिर्फ जंगली पक्षियों और प्रवासी पक्षियों में ही दिखी है. कुछ मामलों में पॉल्ट्री में पाले जाने वाले बत्तखों में यह बीमारी दिखी है.
साल की शुरुआत में ही लोगों में बर्ड फ्लू का डर इस कदर फैला कि चिकन और चिकन प्रोडक्ट की मांग 20 फीसदी तक घट गई है. पॉल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट रमेश खत्री के मुताबिक उत्तर भारत के राज्यों में पिछले तीन-चार दिन में ही चिकन की बिक्री 70 से 80 फीसदी घट गई है. चिकन की कीमतें लगभग 50 फीसदी घट गई है. खत्री ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के चिकन की ट्रांसपोर्टिंग रुक जाने से डिमांड घट गई है.
उन्होंने कहा कि हरियाणा के जिन फार्मों में बर्ड फ्लू के मामले आए हैं वे दोनों लेयर फार्म हैं ब्रॉयलर नहीं. लेयर फार्म में सिर्फ अंडों की पॉल्ट्री फार्मिंग होती है. जबकि ब्रॉयलर फार्मिंग में चिकन मीट के लिए पॉल्ट्री फार्मिंग की जाती है. भारत में पॉल्ट्री इंडस्ट्री 1.25 लाख करोड़ रुपये की है. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से अब इसकी वैल्यूएशन आधी रह गई है. इस समय पॉल्ट्री इंडस्ट्री घट कर 60 से 70 हजार करोड़ रुपये की रह गई है.