नवागढ़। नवागढ़ के शासकीय के. आर. डी. महाविद्यालय में आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां: साइबर फ्रॉड विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में नई दिल्ली से ख्यातिमान साइबर विशेषज्ञ आलोक विजयंत उपस्थित रहे। आलोक विजयंत ने साइबर फ्रॉड से बचने के लिए जागरूकता पर जोर दिया, उन्होंने कहा कि मोबाईल उपयोग करते समय बेसिक जानकारी हमें होना चाहिए उन्होंने साइबर क्राइम, डिजिटल अरेस्ट, साइबर युद्ध और साइबर योद्धा के बारे में विस्तार से पी.पी.टी के माध्यम से सभी को समझाया। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में नई दिल्ली से राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री गोलोक बिहारी रॉय तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में विक्रमादित्य सिंह तथा रायपुर से डॉ. वर्णिका शर्मा उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री जाहिद बेग जी द्वारा की गयी। इस कार्यक्रम में श्री सोम ठाकुर सांसद प्रतिनिधि एवं श्रीमती मंजूलता रात्रे , नगर पंचायत अध्यक्ष, नवागढ़ विशेष रूप से आमंत्रित रहे।
महाविद्यालय द्वारा आयोजित, इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में बड़ी संख्या में शिक्षक, अन्य महाविद्यालय के शिक्षक, शोधार्थी, वरिष्ठ छात्रगण, साइबर पुलिस, सेवानिवृत्त सैनिक एवं नवागढ़ के सम्मानीय समाजसेवी शामिल हुए।
कार्यक्रम का प्रारंभ, भारत माता एवं सरस्वती माता की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं द्वीप प्रज्जवलन से हुआ, महाविद्यालय के प्राचार्य , प्रो. गिरीश कांत पाण्डेय जी द्वारा अतिथियों का परिचय एवं स्वागत भाषण प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में मंच संचालन प्रो. निर्मल कुमार एवं प्रो. दुर्गा सोनी द्वारा किया गया। मुख्य अतिथियों सहित अन्य अतिथियों ने अत्यंत ही ज्ञान वर्धक एवं सारगर्भित उद्बोधन प्रस्तुत किया। अंत में सभी अतिथियों, शिक्षकों एवं कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से योगदान करने वाले सभी सदस्यों का आभार ज्ञापन, डॉ. सुनीला एक्का, सहायक प्राध्यापक द्वारा किया गया। महाविद्यालय द्वारा महाविद्यालय में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने की दृष्टि से आयोजित, यह राष्ट्रीय संगोष्ठी विगत कई वर्षो के अंतराल पश्चात् संपन्न हुई। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच (फैंस) द्वारा महाविद्यालय के पुस्तकालय में साइबर जागरूकता से संबंधित महत्वपूर्ण पुस्तकें, सप्रेम भेंट की गयी, इस आयोजन से निश्चय ही महाविद्यालय के विद्यार्थी एवं शिक्षकगण प्रेरित हुए एवं इस विषय के प्रति सभी के ज्ञान में वृद्धि हुई।