पंचांग के अनुसार 22 अप्रैल गुरूवार को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है. नवरात्रि का पर्व 13 अप्रैल को प्रतिपदा की तिथि से आरंभ हुआ है. नवमी की तिथि को नवरात्रि के पर्व का कन्या पूजन और हवन के साथ समापन किया जाता है. 22 अप्रैल नवरात्रि के व्रत का पारण किया जाएगा. नवरात्रि के व्रत में पारण का विशेष महत्व बताया गया है.
नवरात्रि व्रत का पारण
पौराणिक ग्रंथ निर्णय सिंधु के मुताबिक चैत्र नवरात्रि का पारण नवमी तिथि समाप्त होने और दशमी तिथि प्रारंभ होने पर किया जाना चाहिए. नवरात्रि का पारण विधि पूर्वक करना चाहिए और नियमों का पूर्ण पालन करना चाहिए.
चैत्र नवरात्रि पारण की तिथि और शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि पारण तिथि: 22 अप्रैल गुरुवार
नवमी तिथि समापन: 22 अप्रैल गुरुवार, प्रात: 12 बजकर 35 मिनट तक.
इस तरह से करें नवरात्रि व्रत का पारण
नवरात्रि व्रत का पारण नवमी तिथि के अस्त होने से पहले का समय ही सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इसके साथ ही दशमी की तिथि को भी उपयुक्त माना गया है.
पंचांग के अनुसार दशमी तिथि के शुभ मुहूर्त
अभिजित मुहूर्त: 11:41 ए एम से 12:33 पी एम तक.
विजय मुहूर्त: 02:17 पी एम से 03:09 पी एम तक.
गोधूलि मुहूर्त: 06:23 पी एम से 06:47 पी एम तक.
अमृत काल: 06:38 ए एम से 08:15 ए एम तक.
निशिता मुहूर्त: 11:45 पी एम से 12:29 ए एम, अप्रैल 23 तक.
नवरात्रि व्रत पारण के समय इन बातों का ध्यान रखें-
स्नान कर और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
मां दुर्गा की आरती का पाठ करें.
मां दुर्गा को पुष्प और फल चढ़ाएं.
मां दुर्गा की स्तुति करें.
गलत विचारों से दूर रहें.
स्वच्छता के नियमों का पालन करें.
क्रोध नहीं करना चाहिए.
वाणी को दूषित नहीं करना चाहिए.
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