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कल है ईद-उल-फितर, यहां जानें चांद देखने का महत्व

इस समय रमजान का पाक महीना चल रहा है. जिस दिन रमजान का पाक महीना खत्म होता है उसके अगले दिन अर्थात रमजान के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर का त्यौहार मनाया जाता है. इसे मीठी ईद भी कहते हैं. इस्लामिक परम्पराओं के मुताबिक़ ईद-उल-फितर की शुरुआत जंग-ए-बद्र के बाद हुई थी. इस जंग में पैगंबर मुहम्मद साहब के नेतृत्व में मुसलमानों की जीत हुई थी. इसी जीत की ख़ुशी को जाहिर करने के लिए ईद-उल-फितर का त्यौहार मनाया जाता है.

इस्लामिक परम्पराओं के मुताबिक, ईद-उल-फितर का त्यौहार रमजान के बाद 10 वें शव्वाल की पहली तारीख को मनाया जाता है. रमजान का पाक  महीना खत्म होने के बाद जब चांद दिखाई देता है तो उसके अगले दिन ही ईद-उल-फितर का त्यौहार मनाया जाता है. अर्थात ईद उल फितर का पर्व मनाने के निश्चित तिथि का निर्धारण चाँद देखने के बाद ही किया जाता है.

ईद-उल-फितर के दिन मस्जिदों को खूब सजाया जाता है. लोग नये कपडे पहनकर मस्जिदों में एकत्रित होकर नमाज अदा करते हैं. उसके बाद एक दूसरे के गले मिलकर एक दूसरे को मुबारकबाद देते हैं.  घरों में मीठे-मीठे पकवान बनते हैं. इस दिन सभी मुस्लिम परिवारों में मीठे पकवान के साथ –साथ मीठी सेवई अवश्य बनाई जाती है.

इस्लामिक कैलेंडर चाँद पर आधारित होता है. मुस्लिम धर्म में चाँद दिखाई देने पर ही ईद या प्रमुख त्यौहार मनाया जाता है. रमजान के पाक महीने का प्रारंभ चाँद दिखाई देने से आरंभ होता है और इसका समापन भी चाँद दिखाई देने के साथ ही होता है. इसीलिए रमजान का पाक माह शुरू होने के 29 या 30 दिन के बाद पुनः चाँद दिखाई देता है. उसके अगले दिन ईद मनाई जाती है.

 

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