कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने वाहन उद्योग के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. राज्यों में लगाए जा रहे लॉकडाउन और पाबंदियों की वजह डीलरों और डिस्ट्रीब्यूटर्स को अपना कामकाज धीमा करना पड़ा है. शो-रूम नहीं खुल रहे हैं. लिहाजा अप्रैल में वाहनों की बिक्री के आंकड़ों में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है.हालांकि इंडस्ट्री के विश्लेषकों का हालात सामान्य हो जाने पर बिक्री में जोरदार तेजी देखने को मिलेगी. लोग सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करने की तुलना में निजी वाहन पसंद करेंगे. इसका फायदा वाहन उद्योग को मिलेगा.
लेकिन फिलहाल लॉकडाउन और पाबंदियों की वजह से वाहनों की बिक्री आंकड़ों में दहाई अंक की गिरावट देखने को मिल सकती है. यह गिरावट पैसेंजर, कॉमर्शियल दोनों तरह के वाहनों में देखने को मिलेगी. इसके अलावा शहरी और ग्रामीण दोनों ही बाजार इस गिरावट से प्रभावित होंगे. विशेषज्ञों का कहन है कि पिछले साल के विपरीत इस साल में ग्रामीण सेक्टर के बिक्री में गिरावट देखने को मिल सकती है. अप्रैल में महीने दर महीने आधार पर रिटेल और अर्बन सेक्टर की बिक्री में सभी सेगमेंट में 15-20 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है. जानकारों का कहना है कि अप्रैल महीने में कार और ट्रैक्टर की बिक्री में कुछ बढत देखने को मिल सकती है , वहीं टू-व्हीलर और कॉर्मशियल व्हेकिल की बिक्री में 10 से 20 फीसदी की गिरावट संभव है.
लॉकडाउन की वजह से कई ऑटो कंपनियों ने अपने प्रोडक्शन बंद रखने का फैसला किया था. देश की सबसे बड़ी टू-व्हीलर्स कंपनी ने हीरो मोटो-कॉर्प ने अपने सभी संयंत्रों में 22 अप्रैल से 1 मई तक प्रोडक्शन बंद रखने का फैसला किया है. कंपनी प्रोडक्शन बंदी के दौरान मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट्स में जरूरी मेंटनेंस वर्क पूरे करेगी. हीरो मोटो-कॉर्प के बाद होंडा ने भी इसी तरह के फैसले का ऐलान किया था. कुछ और भी वाहन कंपनी इस तरह के फैसले ले सकती है.
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