कोरोना महामारी और इसके चलते लगे लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे राजस्थान के 33 लाख असहाय और जरूरतमंद परिवारों के लिए राज्य सरकार ने 330 करोड़ रुपये जारी करने के आदेश दिए हैं. आधिकारिक बयान के अनुसार, इनमें से प्रत्येक जरूरतमंद परिवार को इस वर्ष दूसरी किश्त के रूप में एक हजार रूपए की सहायता राशि प्रदान करने के आदेश जारी किए गए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर ये राशि जारी की गई है. ये राशि सीधे इन जरूरतमंद परिवारों के बैंक खातों डाल दी जाएगी. इसी के साथ राज्य सरकार अब तक इनमें से प्रत्येक जरूरतमंद परिवार को 5,500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर चुकी है.
सहायता के लिए जारी किए गए 330 करोड़ रुपये में से 300 करोड़ रुपये राजकॉम्प इन्फो सर्विसेज लिमिटेड (RISL) तथा 30 करोड़ रुपये जिला कलक्टरों को हस्तांतरित किए गए हैं. राज्य में जिन परिवारों को ये आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही हैं उनमें ठेला-रेड़ी चलाने वाले, रिक्शा चालक, निर्माण श्रमिक, बीपीएल कार्ड होल्ड और स्ट्रीट वेंडर आदि शामिल हैं.
गहलोत सरकार ने कोरोना की पहली लहर के दौरान आजीविका का संकट झेल रहे राज्य के इन जरूरतमंद परिवारों के लिए 1 हजार 155 करोड़ रुपये जारी किए थे. इस दौरान इनमें से प्रत्येक परिवार को 3500 रुपये की सहायता राशि प्रदान की गयी थी.
मुख्यमंत्री गहलोत ने इस साल के बजट में इन परिवारों को दो किश्तों में अतिरिक्त सहायता राशि देने की घोषणा की थी. ऐसे परिवारों को संबल देने के लिए इस वित्तीय वर्ष की 1000 रुपये की पहली किश्त का वितरण माह अप्रैल 2021 में पहले ही किया जा चुका है. इस प्रकार राज्य सरकार ने संकट की घड़ी कुल 1 हजार 815 करोड रुपये वहन कर अब तक प्रत्येक परिवार को 5500 रूपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है.
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