कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के खतरे के बीच 1999 की कारगिल जंग में हुई जीत को मनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी है. इस बार सेना की तरफ से विजय दिवस के मौके पर होने वाले समारोह में बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने और सार्वजनिक आयोजन पर रोक लगा दी गई है. लेकिन सेना ने विजय दिवस को अपने तरीके से मनाने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं. इस साल के विजय दिवस में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि होंगे.
कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सेना ने कार्यक्रमों की शुरुआत कर दी है. सोमवार को लेह से फायर एंड फ्यूरी कोर से 15 बाइकर्स वाले मोटरसाइकिल अभियान को शुरू किया गया जिसको लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन, जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GOC) ने हरी झंडी दिखाई. यह मोटरसाइकिल विजय दिवस पर द्रास स्थित कारगिल स्मारक पर शहीदों को सलामी देंगे.
श्रीनगर स्थित एक रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि अभियान लेह से दौलत बेग ओल्डी तक की यात्रा में लगभग 1000 किमी की कुल दूरी को कवर करते हुए 18000 फीट से अधिक ऊंचाई पर दुर्जेय चांग ला और खारदुंग ला दर्रे को पार करेगा और द्रास में समाप्त होगा.
इलाके और मौसम बेहद चुनौतीपूर्ण होने के कारण, प्रतिभागियों को अत्यधिक उच्च स्तर की सहनशक्ति, शारीरिक फिटनेस और मानसिक लचीलेपन की आवश्यकता होगी. पीआरओ डिफेंस ने कहा कि मोटरसाइकिल अभियान कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ मनाएगा और यह भारतीय सेना की अदम्य भावना को श्रद्धांजलि है.
वहीं राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद 25-27 जुलाई तक तीन दिनों के लिए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का दौरा करने वाले हैं. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के, जो सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर भी हैं, 26 जुलाई को द्रास युद्ध स्मारक कारगिल में होने वाले कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम में भाग लेने की संभावना है.
इससे पहले, वर्ष 2019 में राष्ट्रपति को युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करने का कार्यक्रम था, लेकिन खराब मौसम के कारण उनकी उड़ान श्रीनगर से उड़ान भरने में सक्षम नहीं होने के कारण रद्द कर दी गई थी. राष्ट्रपति के घाटी में कुछ समारोहों को भी संबोधित करने की संभावना है, जिसमें एक शैक्षणिक संस्थान का दीक्षांत समारोह भी शामिल है. हालांकि, राष्ट्रपति की यात्रा के विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा अभी नहीं की गई है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में वीवीआईपी के दौरे को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
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