राज्यपाल ने कहा–उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के लिए सामूहिक प्रयास करें, उच्च शिक्षा मंत्री ने शिक्षा को व्यवसाय के रूप में न देखने की सलाह दी
रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने 22 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के नवनिर्मित भवन ‘‘विद्यानिलयम्’’ का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल एवं आयोग के अध्यक्ष डॉ. शिववरण शुक्ला उपस्थित थे। राज्यपाल ने नवनिर्मित भवन के लिए शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सारे विश्वविद्यालय एकजुट होकर प्रयास करें। हम सबका दायित्व है कि हम उस स्थिति को पुनः प्राप्त करें जैसे प्राचीन समय में हमारा देश शिक्षा के क्षेत्र में जाना जाता था।
राज्यपाल ने कहा कि सारे निजी विश्वविद्यालय अपने कैरियर प्रकोष्ठ और रोजगार मेले का आयोजन करे, जिससे यहां के विद्यार्थियों को रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी मिले। इससे वे पढ़ाई के साथ-साथ कौन से कैरियर का चुनाव करें, उस संबंध में जागरूक हो सके। उन्होंने कहा कि सारे सरकारी विश्वविद्यालय और निजी विश्वविद्यालय मिलकर आपस में एक बैठक करें और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे कार्यों की जानकारी साझा करें। उन्होंने नई ग्रेडिंग के लिए समिति बनाने तथा विद्यार्थियों की काउंसलिंग के लिए मनोवैज्ञानिकों की सेल बनाने का सुझाव दिया। राज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय नैतिक शिक्षा से संबंधित विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल करें। इससे विद्यार्थी डिग्री प्राप्त करने के साथ-साथ संस्कारवान बनेंगे।
उन्होंने कहा कि हम नये भारत की ओर बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश निरंतर प्रगति की राह में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने नई शिक्षा नीति की घोषणा की थी, अब उसका क्रियान्वयन भी शुरू हो गया है। नई शिक्षा नीति में हम अपनी पुरातन परंपराओं से जुड़ने के साथ-साथ नवीनता को भी अपनाएंगे। हमारी शिक्षा व्यवस्था पहले से अधिक लचीली और प्रासंगिक होगी। विद्यार्थियों के लिए नये अवसरों में वृद्धि होगी। वे वैज्ञानिक और वैश्विक परिवर्तनों के अनुरूप अध्ययन कर पाएंगे।
राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों से आग्रह किया कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करें। मैं आयोग से अपेक्षा करूंगी कि वे विश्वविद्यालयों को प्रेरित करते हुए जल्द उन्हें नई शिक्षा नीति का खाका तैयार करने में मदद करेंगे। उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि जिस दिन हमारे प्रदेश के विद्यार्थी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थान बनाएगा, उस दिन मेरा छत्तीसगढ़ को सर्वोच्च स्थान पर देखने का सपना पूरा होगा। हम प्रयास करें कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर अच्छा करें। श्री पटेल ने कहा कि हमें यह प्रयास करना चाहिए कि शिक्षा के क्षेत्र को सिर्फ शिक्षा के रूप में ही देखा जाए, इसे व्यवसाय के रूप में परिभाषित नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकारी कॉलेजों में करीब 02 लाख 63 हजार विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं। इनके आसपास के संख्या के विद्यार्थी प्राइवेट रूप से परीक्षा में बैठते हैं। यह प्रदेश में महाविद्यालय के कमी की ओर संकेत करता है। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में निजी विश्वविद्यालयों के सहयोग से पी.पी.पी. मॉडल पर महाविद्यालय खोलने का सुझाव दिया। छत्तीसगढ़़ के सभी विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों को वर्ष 2022 तक नैक ग्रेडिंग के प्लेटफार्म में लाने का लक्ष्य रखा है। इसके बाद हम ग्रेडिंग में वृद्धि के लिए प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा विद्यार्थियों के लिए ई-लाईब्रेरी का प्रावधान भी किया जा रहा है, जिससे वे महाविद्यालय आकर या अपने मोबाईल के जरिए भी पुस्तकों का अध्ययन कर सके।
आयोग के अध्यक्ष डॉ. शुक्ला ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग की स्मारिका ‘‘वागीशा’’ का विमोचन किया गया। साथ ही आयोग के वेबसाईट का भी उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम में राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भी प्रदान किया गया। इस अवसर पर आयोग के सदस्यगण एवं अधिकारीगण, निजी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपतिगण एवं कुलपतिगण उपस्थित थे।
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