नई दिल्लीः अबू धाबी की सरकारी संपत्ति कोष मुबाडाला इनवेस्टमेंट कंपनी ने दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज की खुदरा इकाई रिलायंस रिटेल में 6,247.5 करोड़ रुपये निवेश कर 1.4 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी. रिलायंस इंडस्ट्रीज की खुदरा इकाई रिलायंस रिटेल वेंचर लि. (आरआरवीएल) में दो दिन से भी कम समय में यह तीसरा निवेश है. मुबाडाला कंपनी में निवेश करने वाला चौथा निवेशक है.
आरआईएल ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि मुबाडाला का 6,247.5 करोड़ रुपये का निवेश रिलायंस रिटेल के धन- पूर्व इक्विटी मूल्य 4.285 लाख करोड़ रुपये पर आधारित है. बयान के अनुसार, ‘‘मुबाडाला का निवेश आरआरवील में 1.40 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी के बराबर होगा.’’
इससे पहले बुधवार को वैश्विक निजी इक्विटी कंपनी जनरल अटलांटिक ने कंपनी में 3,674 करोड़ रुपये निवेश कर 0.84 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की थी. साथ ही अमेरिका की निवेशक सिल्वर लेक ने 1,875 करोड़ रुपये का दूसरा निवेश किया. उसने अबतक रिलायंस रिटेल में 9,375 करोड़ रुपये निवेश कर 2.13 प्रतिशत हिस्सेदारी प्राप्त पर दावा किया है. केकेआर ने पूर्व में 5,550 करोड़ रुपये का निवेश का 1.28 प्रतिशत हिस्सेदारी ली है.
रिलायंस ने सितंबर से अपनी खुदरा इकाई में 5.65 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 24,847.5 करोड़ रुपये जुटा चुकी है. आरआरवीएल की अनुषंगी रिलायंस रिटेल लि. भारत का सबसे बड़ा और तेजी से विकसित होने वाला खुदरा कारोबार का परिचालन कर रही है. इसमें सुपरमार्केट, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानें, थोक बाजार, ऑनलाइन किराना दुकान जियो मार्ट शामिल हैं.
रिलायंस रिटेल लिमिटेड की देश भर मे 12 हजार से ज्यादा दुकानें हैं. वित्त वर्ष 2019-20 में रिलायंस रिटेल की आय 1.63 लाख करोड़ रुपये थी.मुबाडाला का का रिलायंस इंडस्ट्रीज की अनुषंगी इकाइयों में दूसरा निवेश है. इससे पहले उसने जियो प्लेटफार्म्स में 9,093.60 करोड़ रुपये निवेश कर 1.85 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, ‘‘…हम मुबाडाला जैसे बेहतरीन संगठन के साथ साझेदारी को महत्व देते हैं. भारत के खुदरा क्षेत्र के लाखों छोटे खुदरा विक्रेताओं, व्यापारियों और दुकानदारों को प्रौद्योगिकी के माध्यम से मजबूत बनाने के हमारे मिशन में उनके विश्वास को भी हम स्वीकार करते हैं. मुबाडाला का निवेश और मार्गदर्शन इसमें सहायक होगा.” यह निवेश नियामकीय और अन्य जरूरी मंजूरी पर निर्भर है.