नई दिल्ली: पिछले साल आई कोरोना वायरस महामारी के बाद से देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है. हालांकि अब अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है और हर दिन शेयर बाजार भी नए रिकॉर्ड कायम कर रहा है. इस बीच रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने अनुमान लगाया है कि दिसंबर क्वॉर्टर में भारत की जीडीपी ग्रोथ 0.7 फीसदी रह सकती है. ऐसा हुआ तो पिछले साल लॉकडाउन से शुरू हुई मंदी खत्म हो जाएगी.
आईसीआरए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि निजी खपत और सरकारी खर्च से अर्थव्यवस्था को दिसंबर तिमाही के दौरान बदलाव लाने में मदद मिलेगी और जीडीपी 0.7% बढ़ेगी. रेटिंग एजेंसी के मुताबिक दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ शून्य से 7.5 फीसदी के नीचे रही थी.
रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि फॉर्मल इकोनॉमी कोरोना वायरस के संकट से उबार चुकी है. छोटे और कम फॉर्मल सेक्टर की कीमत पर उसकी सेहत में सुधार आ रहा है. उसके चलते इकोनॉमी के फॉर्मलाइजेशन के प्रोसेस में भी तेजी आ रही है.
वहीं, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष में उबरने की राह पर है. एजेंसी ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लगातार अच्छे प्रदर्शन, कोरोना संक्रमण की कम होती रफ्तार और सरकारी व्यय में तेजी से अर्थव्यवस्था को समर्थन मिल रहा है. एसएंडपी ने कहा कि पुनरुद्धार जारी रखने के लिये भारत को कई चीजों को सही करने की जरूरत है. भारत को शीघ्रता से अपनी 1.4 अरब की आबादी को टीके लगाने की जरूरत है.
एजेंसी ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 का बजट भी अपेक्षित से अधिक खर्चों के माध्यम से पुनरुद्धार का समर्थन करेगा. भारत की वृद्धि की संभावनाएं उसके अधिक आक्रामक राजकोषीय रुख से जुड़े उच्च घाटे को संभाले रखने की क्षमता के लिये महत्वपूर्ण हैं. एजेंसी ने कहा कि हम अनुमान लगाते हैं कि भारत उत्पादन के मोर्चे पर महामारी से पहले की गति की तुलना में एक स्थायी नुकसान का सामना करने जा रहा है, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के करीब 10 फीसदी के बराबर का दीर्घकालिक हो सकता है.