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धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना: राज्य की 18 लाख जनता को हुआ फायदा

आज की शहरी आबादी को शिक्षा के बाद कोई सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी नजर आती है, तो वो है दवा का खर्च। घर का कोई सदस्य एक बार भी बीमार पड़ जाएं, तो इलाज और डॉक्टर की फीस से ज्यादा चिंता दवा की सताने लगती है, वहीं घर में बुजुर्ग सदस्य हों तो ये जिम्मेदारी एक दिन, एक सप्ताह की नहीं, बल्कि सालों साल की हो जाती है। प्रदेश की शहरी और खासकर गरीब आबादी की इन्हीं मुश्किलों को दूर करने के लिए सरकार ने श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना की शुरूआत की है, जहां बाजार से 72 फीसदी तक कम दाम पर दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

20 अक्टूबर 2021 को योजना की शुरूआत की थी

घर में कोई बीमार पड़ जाए तो परिवार के मुखिया की सारी जमापूंजी दवाओं में खर्च हो जाती है। लोगों की इस परेशानी को कम करने के लिए छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने 20 अक्टूबर 2021 को श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना की शुरूआत की थी।

अब तक 159 दुकानें खोली जा चुकी हैं

इस योजना के तहत, अब तक राज्य के अलग-अलग शहरी क्षेत्रों में 159 दुकानें खोली जा चुकी हैं। यहां देश के नामी और ब्रांडेड कंपनियों की जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जो असर में एथिकल दवाएं जितनी ही कारगर हैं, लेकिन उसकी तुलना में 50 से 72 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं। सर्दी, खांसी, बुखार, बीपी, शुगर से लेकर कई दूसरी बीमारियों में काम आने वाली 251 प्रकार की दवाएं यहां उपलब्ध होती हैं। इसके अलावा 27 तरह के सर्जिकल उत्पाद भी बहुत कम दाम पर आम लोगों को उपलब्ध कराए जाते हैं।

18 लाख जनता को हुआ फायदा

योजना से राज्य की 18 लाख जनता को फायदा हुआ है। लोगों के अब तक करीब साढ़े 17 करोड़ रुपये बच चुके हैं। अब सरकार मेडिकल स्टोर की संख्या बढ़ाकर 194 करना चाहती है। जिससे ज्यादा से ज्यादा शहरी लोगों को फायदा हो सके।

धन्वंतरी मेडिकल स्टोर में वनवासियों के उत्पादों को भी बेचने के लिए रखा जा रहा है। जिससे उन्हे आर्थिक फायदा मिल सके। गरीब शहरी आबादी के साथ ही वनवासियों को भी लाभ पहुंचाने वाली ये योजना सरकार की दूरदृष्टि को उजागर करती है।

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