रायपुर। लंबित मांग महंगाई व भाड़ा भत्ता को लेकर पांच दिनों की हड़ताल पर गए अधिकारी-कर्मचारियों के वेतन काटने का आदेश जारी किया गया है। राज्य सरकार के इस आदेश पर बवाल मच गया है। अधिकारी-कर्मचारी संगठनों ने इसका आदेश कॉपी जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया है।
हड़ताल पर गए अधिकारी-कर्मचारियों को जारी आदेश में कहा गया है कि बिना अनुमति सामूहिक अवकाश पर जाते हैं तो इस अवधि को सेवा में ब्रेक-इन-सर्विस माना जाएगा। दरअसल अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश भर में पांच लाख से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर कामकाज का बहिष्कार किया था। महंगाई भत्ता और भाड़ा भत्ता की बढ़ाने की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने आंदोलन किया था।
15 अगस्त के बाद निर्णय
मामले पर अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के अध्यक्ष कमाल वर्मा ने कहा कि हड़ताली कर्मचारियों के वेतन काटने का आदेश अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ बहुत जल्द अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त के बाद ये अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ सकते हैं।
सरकार ने जारी किया वेतन कटौती का आदेश
बता दें कि सरकार ने हड़ताल पर बैठे सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन में कटौती का आदेश जारी किया है। साथ ही कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी निर्देश में सभी कलेक्टरों और विभागाध्यक्षों को हड़ताल, धरना और सामूहिक अवकाश पर जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
कलेक्टर, संभागायुक्त को कार्रवाई के निर्देश
आदेश के अनुसार यदि आप बिना अनुमति सामूहिक अवकाश पर जाते हैं तो इस अवधि को सेवा में ब्रेक-इन-सर्विस माना जाएगा। जिला कलेक्टर, संभागायुक्त और संबंधित विभागों के अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। वेतन कटौती सहित अन्य कार्रवाई की जा सकती है।