नई दिल्ली, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक आज यानि शुक्रवार को संपन्न हो गई। इस बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया। जिसके बाद रेपो रेट 4.90 फीसदी से बढ़कर 5.40 फीसदी हो गया है।
आरबीआई के इस फैसले के बाद सरकारी से लेकर निजी बैंक और हाउसिंग फाइनैंस कंपनियां होम लोन के ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेंगे, जिसके बाद आपकी ईएमआई (EMI) महंगी हो जाएगी।
शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 में देश की आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी के अनुमान को 7.2 फीसदी पर बरकररार रहने का अनुमान है। वहीं वित्त वर्ष 2023 के लिए रिटेल महंगाई दर का अनुमान 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।
इससे पहले भी 4 मई और 8 जून 2022 को आरबीआई ने रेपो रेट में कुल 90 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी थी। जिसके बाद बैंक से लेकर हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों ने होम लोन पर ब्याज दरों में 0.90 फीसदी से लेकर 1.15 फीसदी तक कर्ज महंगा कर दिया है। एक बार फिर से होमलोन की ईएमआई अब महंगी हो जाएगी।
इन लोगों पर होगा रेपो रेट का असर
आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के फैसले के बाद हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों से लेकर बैंक कर्ज महंगा करेंगी। और महंगे कर्ज का सबसे बड़ा खामियाजा उठाना पड़ेगा उन लोगों को जिन्होंने हाल के दिनों में बैंक या हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों से होम लोन लेकर अपना आशियाना खरीदा है।
क्या है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट?
रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई द्वारा बैंकों को कर्ज दिया जाता है और बैंक इसी कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं। रिवर्स रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंकों की ओर से जमा राशि पर आरबीआई से उन्हें ब्याज मिलता है। रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के लोन महंगे हो जाएंगे।
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