रविवार 12 मार्च को रंग पंचमी का त्यौहार मनाया जाएगा। रंग पंचमी के साथ ही ब्रज मंडल में चलने वाले 40 दिवसीय होली के पर्व का समापन होगा। रंग पंचमी के दिन श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा का विधान है। इस दिन श्री राधाकृष्ण की पूजा से व्यक्ति के जीवन में प्रेम स्थापित होता है।
० ‘ॐ श्रीं श्रीये नमः’ मंत्र का जाप करें और भगवान विष्णु को गुड़ एवं मिश्री का भोग लगाएं। इससे प्रेम संबंध में मिठास घुलेगी और रिश्ता मजबूत होगा।
कमल के फूल पर बैठे लक्ष्मी नारायण की तस्वीर पर जोड़े में लाल पुष्प चढ़ाएं। इससे पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ेगा और तनाव दूर होगा।
० रंगपंचमी के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और सूर्य चालीसा का श्रद्धापूर्वक पाठ करें। इससे ग्रहों के कारण वैवाहिक रिश्ते या प्रेम संबंध में आई दरार दूर होगी।
० भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें और उन्हें श्रृंगार का सामान अर्पित करें। इससे स्त्री का सौभाग्य बना रहता और पति की रक्षा होती है।
० श्री राधा कृष्ण की पूजा करें और युगल मंत्र ‘राधे कृष्ण राधे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण राधे राधे’ का 108 (108 बार ही क्यों किया जाता है मंत्र जाप) बार जाप करें। इससे प्रेम संबंध कभी नहीं टूटेगा।
० श्री राधा कृष्ण के चरणों में पीले और लाल रंग का गुलाब अर्पित करें। इससे अविवाहितों के लिए शीघ्र विवाह के योग बनेंगे और जीवनसाथी भी अच्छा मिलेगा।