नवरात्रि उत्सव पूरे उत्साह से मनाया जा रहा है। 9 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में लोग प्याज, लहसुन, अनाज, मांसाहारी भोजन, आदि के सेवन से बचते हैं। ये आपकी डाइट को पूरी तरह बदल देता हैं। इस उपवास से एक तरफ शरीर डिटॉक्स (detox) होता है, वहीं कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। जहां लोग अलग-अलग कारणों से उपवास रखते हैं, वहीं यह जरूरी है कि मधुमेह से पीड़ित लोग अपने उपवास में खास सावधानी बरतें।
मधुमेह के दौरान उपवास, रोगियों के लिए कई स्वास्थ्य जोखिम और जटिलताएं पैदा कर सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि मधुमेह के रोगी अपने डॉक्टर से परामर्श लें और सभी सावधानियों को ध्यान में रखते हुए ही उपवास करें।
डायबिटीज रोगियों को फॉलो करने चाहिए ये फास्टिंग टिप्स
1. प्री फास्टिंग मील का रखें ख्याल
मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को उपवास से पहले उचित भोजन करना चाहिए, जिसमें कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट (complex carbohydrate) वाले खाद्य पदार्थ शामिल हो सकते हैं। इन कार्ब्स को तोड़ने और पचाने में अधिक समय लगता है। इसलिए आपको जल्दी भूख नहीं लगेगी।
नवरात्रि का व्रत शुरू करने से पहले आप सूखे मेवे ऐसे फलों का सेवन करें जिनमें शक्कर की मात्रा कम होती है। व्रत के दौरान आप चीनी के बदले ब्राउन शुगर, गुड़, खजूर, आदि जैसे स्वस्थ मीठे विकल्पों को चुनें। दही और दूध में भी चीनी या नमक मिलाने की बजाए उन्हें उनके प्राकृतिक स्वाद के साथ ग्रहण करें।
2. सही तरीके से हेल्दी कार्ब्स का सेवन
कार्बोहाइड्रेट आवश्यक पोषक तत्व हैं, जो शरीर के सामान्य कामकाज के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं। लेकिन मधुमेह के रोगियों को अपने कार्बोहाइड्रेट के स्रोतों से सावधान रहना चाहिए।
आप बेक या उबले हुए शकरकंद को कम मात्रा में या स्वस्थ आटा जैसे कुट्टू का आटा खा सकते हैं। आप दही के साथ समक चावल भी खा सकते हैं। अन्य व्यंजनों में ककड़ी का रायता, टमाटर के व्यंजन और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं।
3. तले हुए खाद्य पदार्थों से बचें
नवरात्रि की थाली में आमतौर पर तले हुए और ऑयली स्नैक्स या पकौड़े, टिक्कियां या पूड़ी जैसे भोजन शामिल होते हैं। जो मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए बेहद हानिकारक हैं।
खाना पकाने के तरीके में एक छोटा सा बदलाव इसे मधुमेह रोगियों के लिए स्वस्थ बना सकता है। आप खाद्य पदार्थों को डीप फ्राई करने के बजाय बेकिंग, स्टीमिंग और ग्रिलिंग जैसी विधियों का उपयोग कर सकते हैं।
4. रेगुलर चेकअप
मधुमेह रोगियों के लिए उपवास एक जोखिम हैं और यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने डॉक्टरों के दिशा निर्देशों के अनुसार उपवास करें।
डॉक्टर से यह पूछना जरूरी है कि उपवास के दौरान कितनी बार ब्लड शुगर लेवल की जांच करनी चाहिए। आप अपने घर में ग्लूकोज मॉनीटरिंग उपकरण रख सकते हैं। ताकि आप स्वयं इसकी जांच कर सकें।
5. उपवास के नियमों में जरूरी बदलाव
उपवास के नियम बदल गए हैं और अभी भी क्षेत्र, मौसम और व्यक्ति के स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के आधार पर बदलते रहते हैं।
यह महत्वपूर्ण है कि मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से अपने लिए डाइट चार्ट बनाने को कहें। ताकि वे भोजन का प्रकार जान सकें। इसके साथ ही भोजन की मात्रा औरे रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने के तरीकें भी पता करें। इससे जटिलताओं से बचना और नवरात्रि का आनंद लेना आसान हो जाता है।