नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लॉकडाउन के दौरान गरीबों के कर्ज लेने के दावे वाली एक खबर का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार गरीब लोगों के मौलिक अधिकार छीन रही है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार ग़रीबों के मौलिक अधिकार छीन रही है. ये मानवता के विरुद्ध अपराध है. देश के बेहतर भविष्य के लिए हमें हर वर्ग के अधिकारों का सम्मान करना ही होगा.’’ कांग्रेस नेता ने जिस खबर का हवाला दिया उसमें एक सर्वेक्षण के आधार पर दावा किया गया है कि लॉकडाउन के दौरान 11 राज्यों में करीब 45 फीसदी लोगों को भोजन के लिए कर्ज लेना पड़ा.
विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों पर अपनी चिंताओं से अवगत कराने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला. पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, टीआर बालू, भाकपा के महासचिव डी राजा और येचुरी शामिल रहे. मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से कहा कि किसान विरोधी कानूनों को वापस लिया जाए.
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा, ”राष्ट्रपति के साथ मुलाकात में हमने कृषि कानूनों को रद्द किए जाने का अनुरोध किया, ये कानून बिना चर्चा के पारित किए गए हैं.” उन्होंने कहा कि जिस तरह से कृषि विधेयक पारित किए गए, हमें लगता है कि यह किसानों का अपमान है, इसलिए वे ठंड के मौसम में भी प्रदर्शन कर रहे हैं. हमने राष्ट्रपति से कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना बेहद महत्वपूर्ण है.