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जानिए हवन से जुड़े नियम, छोटी सी गलती से भगवान हो सकते हैं नाराज

सभी कोई भगवान की पूजा, अर्चना, ध्यान, हवन और आरती अपनी पूरी श्रद्धा से करते हैं। कहा जाता है कि बिना किसी गलती के की गई पूजा और हवन से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है एवं देवी देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है। वहीं अगर पूजन हवन के दौरान की गई आपकी छोटी सी गलती से भगवान नाराज हो सकते हैं।

आपको बता दें कि जितना महत्व पूजा का होता है उतना ही हवन और आरती का भी, इससे ही पूजा पूरी तरीके से संपन्न मानी जाती है। यदि आप इस दौरान की जाने वाली छोटी सी गलती को नजरअंदाज करते हैं, तो आपको इससे बचना चाहिए।अंजाने में की गई भूल से आपको भगवान का आशीर्वाद और पूजा का फल नहीं मिल पाता है।

हवन के दौरान इन गलतियों से बचें
0 पूजा एवं तिलक के लिए अनामिका उंगली का ही प्रयोग करें। देवी-देवताओं को इस उंगली से ही तिलक की जाती है।

0 हवन में आहुति देने के लिए अनामिका उंगली में कुशा या आम की पत्ती पहने अगर यह दोनों ही उपलब्ध नहीं है, तो सोने की अंगूठी भी पहन सकते हैं।
0 हवन सामग्री को केवल कांसे, पीतल, चांदी, सोना और पत्तल में ही रख कर आहुति दें। हवन सामग्री को स्टील या लोहे के बर्तन में न रखें।
0 हवन कुंड को लोहे के धातु में नहीं बनाना चाहिए इसके बजाए हो सके, तो मिट्टी या ईंट से बने कुंड का ही प्रयोग करें।
0 जिस आसन में बैठ कर पूजा या हवन कर रहे हो उसे कभी भी पैर से खिसकाकर नहीं रखना चाहिए। इससे पूजन या हवन का पुण्य नहीं मिलता है। आसन को सम्मान के साथ हाथ से ही बिछाएं और उठाएं।
0 हवन की लकड़ी में बेल, आम और पलाश की लकड़ी को जरूर शामिल करें। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
0 हवन सामग्री में सफेद तिल का उपयोग नहीं किया जाता है बल्कि काले तिल, जौ, घी, गुड़, मेवा, कपूर, गुग्गल, बेल का सूखा हुआ फल का ही प्रयोग कर सामग्री तैयार की जाती है।
0 हवन में आहुति देते समय कनिष्ठा, अनामिका, मध्यमा उंगली और अंगूठे का उपयोग करना चाहिए। आहुति देने के लिए तर्जनी उंगली का उपयोग न करें।

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