श्रीमद्भागवत कथा के समापन पर आचार्य शांतनु जी महाराज के भजन ने मोहा मन
गरियाबंद।हर हाल में खुश रहना , सन्तो से सिख जाएँ , महफ़िल में जुदा रहना ,झंझट में बच के रहना सन्तो से सिख जाए श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम दिवस के अवसर पर पूज्य आचार्य शांतनु जी महाराज के ये भजन ने सबका मन मोह लिया । उपाध्याय परिवार द्वारा नगर के गाँधी मैदान में चल रहे कथा के समापन दिवस पर भगवान के विवाह की कथा सुनाते हुए आचार्य शान्तनु जी महाराज ने कहा कि प्रथम विवाह रुक्मिणी जी के साथ हुआ तदुपरांत प्रथम पुत्र के रूप में प्रद्युम्न जी का जन्म हुआ और साक्षात कामदेव ही प्रदुम्न का रूप लेकर आये हैं , और शम्बरासुर नामक राक्षस ने प्रद्युम्न […]



