चूड़ियों से ज्यादा नाजुक साम्प्रदायिक सौहार्द
हिन्दुस्तान में महिलाएं कहीं भी चूड़ियाँ क्या चूड़ी वाले की जाति पूछकर पहनती हैं ? शायद न पहनती हों लेकिन…
हिन्दुस्तान में महिलाएं कहीं भी चूड़ियाँ क्या चूड़ी वाले की जाति पूछकर पहनती हैं ? शायद न पहनती हों लेकिन…
कहावत पुरानी जरूर है लेकिन अभी तक जवान है. कम से कम मध्यप्रदेश के ऊपर तो एकदम सौ फीसदी फिट…
किसी शहर की नगर निगम परिषद से जब देश के उच्च सदन की तस्वीर मेल खाने लगे तो समझिये कि…
सियासत पासों का खेल है.इसमें समय-समय पर पांसे बदलने पड़ते हैं.बसपा यानि बहन मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने भी…
भारत जैसे बड़े देश की केंद्रीय सत्ता में बैठी भाजपा शासित राज्यों में पहला विकेट कर्नाटक के उस्ताद माने जाने…
कायदे से खून लाल होता है लेकिन खून भी कभी-कभी सफेद पड़ जाता है डर के मारे .इसी तरह झूठ…
हम जैसे मुफस्सिल पत्रकार यदि अपने प्रधानमंत्री जी को कोई मश्विरा देते हैं तो उसे राष्ट्रविरोधी माना जाता है.हम जैसी…
वर्षों पहले ‘आ गले लग जा’ नाम से एक फिल्म आई थी. बड़ी अच्छी फिल्म थी, मैंने इस फिल्म को…
समय का पहिया घूमता है तो बस घूमता है. आजकल देश में कोरोना की दहशत धीर-धीरे कम हो रही है…
हिंदी फिल्मों के आधार स्तम्भों में से आखरी प्रमाण रहे दिलीप कुमार नहीं रहे. वे दो साल और रुक जाते…