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नुक्कड़ नाटकों के जनक सफदर को दी श्रद्धांजलि

० एसएफआई, जन नाट्य मंच और भारतीय जन नाट्य संघ ने सफदर हाशमी की शहादत दिवस पर की संयुक्त सभा

 

रायपुर।जन नाट्य मंच के संस्थापक और नुक्कड़ नाटक के जनक सफदर हाशमी की शहादत दिवस पर अंबेडकर चौक पर एसएफआई , जनम और इपटा के कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि सभा की और सफदर के जनगीत गाकर उन्हे याद किया और श्रद्धांजलि दी ।
श्रद्धांजलि सभा को ट्रेड यूनियन नेता और सीटू के सचिव कामरेड धर्मराज महापात्र छग साहित्य परिषद के अध्यक्ष ईश्वर सिंह दोस्त, जन नाट्य मंच के शेखर नाग, निसार अली, संजय श्याम, ए के शुक्ला, आईपीटीए के मोइज कपासी एस एफ आई के डा राजेश अवस्थी, सम्यक जैन, वारिस हुसैन ने संबोधित किया.

साथी धर्मराज महापात्र ने सफदर के नाटकों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सफदर हाशमी ने आम जनता के संघर्षों और पीड़ाओं को नाटक का विषय बनाया वे मजदूर आंदोलनों के लिए आम जनता के आंदोलनों के नाटक लिखने और करने वाले रंगकर्मी के रूप में जाने जाते हैं, राज्य सत्ता ने जिस तरह से नुक्कड़ नाटक कर रहे सफदर की हत्या की उससे भारत के फासीवादी शासकों के चरित्र का पता चलता है.

साथी ईश्वर सिंह दोस्त ने सफदर को याद करते हुए कहा कि उनकी असमय और क्रूर हत्या ने मजदूर किसान आंदोलन के पक्ष में सांस्कृतिक आंदोलन करने वाले को हमसे छीन लिया साथी निसार अली ने सफदर हाशमी के लिखे नाटक “जहाज फूट गया ” और नाटक “मशीन” की विषय वस्तु पर बोलते हुए कहा की सफदर किस कदर आम जन को समस्याओं से जुड़े हुए थे ये इन नाटकों से पता चलता है.

कार्यकर्ताओं ने सफदर हाशमी के लिखे जनगीत “पढ़ना लिखना सीखो”, “किताबें” “दमादम मस्त कलंदर “” का गायन किया.अंत में 2 मिनट का मौन रख उन्हे श्रद्धांजलि दी गई
आभार प्रदर्शन साथी अजय कन्नौजे ने किया तथा संचालन शेखर नाग ने किया, श्रद्धांजलि सभा में ईश्वर सिंह दोस्त, धर्मराज महापात्र, निसार अली, डा राजेश अवस्थी, शेखर नाग, अजय कन्नौजे, संजय श्याम ,सानिया डेनियल, सम्यक जैन, वारिस हुसैन, देवगुरु, पीताम्बर, मोइज कपासी, ए के शुक्ला सहित दर्जनों रंगकर्मी, छात्र, ट्रेड यूनियनिस्ट शामिल हुए

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