Close

कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए 69 फीसदी भारतीयों में हिचकिचाहट, सर्वे में किया गया ये बड़ा दावा

देश में कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी यूज़ को मंजूरी तो DCGI ने दे दी है लेकिन इसको लेकर अभी भी भारत की जनता पूरी आश्वस्त नहीं है. दरअसल भारत सरकार ने कहा है कि आने वाले 10 दिनों के अंदर वैक्सीन का रोलआउट शुरू कर दिया जाएगा और सरकार ने जिस वरीयता में वैक्सीन को देने की बात कही है उन्हीं निर्देशों के मुताबिक लोगों का वैक्सीनेशन होगा. लेकिन एक सर्वे में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि देश की 69 फीसदी जनता अभी भी कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर हिचक रही है.

दरअसल 3 जनवरी को सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने मंजूरी दी थी लेकिन लोकल सर्किल्स के सर्वे में ये बात साफ हो चुकी है कि देश के करीब 70 फीसदी नागरिकों में इसको लगवाने को लेकर कोई जल्दी नहीं है और इसे लेकर हिचकिचाहट है.

इस सर्वे के लिए भारत के 224 जिलों में 18,000 से ज्यादा लोगों से बात की गई. इस सर्वे में शामिल लोगों में 69 फीसदी पुरुष थे जबकि 31 फीसदी महिलाएं थीं. 51 फीसदी लोग टियर 1 शहरों से थे जबकि 31 फीसदी लोग टियर 2 शहरों से थे. इसके अलावा टियर-3, टियर-4 और ग्रामीण जिलों से शामिल लोगों की संख्या 18 फीसदी रही. इसके अलावा बच्चों को वैक्सीन लगवाने से जुड़े पोल में अतिरिक्त 10,000 लोगों को शामिल किया गया था. ये सर्वे लोकल सर्किल्स के प्लेटफॉर्म्स पर कंडक्ट किया गया था और इस सर्वे में शामिल होने वाले नागरिकों को लोकल सर्किल्स के साथ रजिस्टर्ड होना जरूरी था.

दरअसल लोकल सर्कल्स के एक सर्वेक्षण में ये बात निकलकर सामने आई है कि देश में वैक्सीन लगवाने को लेकर लोगों में अभी भी हिचक है और ये आंकड़ा 69 फीसदी का है. बड़ी बात ये है कि दिसंबर 2020 से लेकर जनवरी 2021 के दौरान इस आंकड़े में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

इसके अलावा सिर्फ 26 फीसदी लोगों ने कहा है कि वो अप्रैल 2021 तक अपने बच्चों को कोविड-19 वैक्सीन लगवाएंगे.

इसके अलावा लोकल सर्कल्स के सर्वे में 61 फीसदी नागरिक चाहते हैं कि भारत सरकार फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन के कमर्शियल यूज के लिए ट्रायल को अनुमति दे.

हालांकि सर्वे से ये बात सामने आई है कि जिस तरह नवंबर और दिसंबर में लोग वैक्सीन को लेकर हिचकिचाहट में थे उसी तरह जनवरी में भी 69 फीसदी भारतीय नागरिक वैक्सीन को लेने की जल्दी में नहीं हैं. कुल 8723 लोगों में से केवल 26 फीसदी लोगों ने कहा कि वो इसे जितनी जल्दी हो सकेगा लगाएंगे, चाहे वो निजी और हेल्थकेयर चैनल के माध्यम से हो. वहीं 5 फीसदी लोगों ने कहा कि वो हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स हैं और जितनी जल्दी हो सकेगा सरकारी माध्यमों से वैक्सीनेशन का हिस्सा बनेंगे.

अक्टूबर 2020 से लोकल सर्किल्स देश के नागरिकों के बीच सर्वे करा रहा है जिससे कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन के प्रति सोच का पता लगाया जा सके. क्या उनकी वैक्सीन के प्रति हिचक है या स्वीकार्यता है, इसको लेकर भी सर्वे के जरिए पता लगाने की कोशिश की जा रही थी. सर्वे के जरिए ये बात सामने आई कि लोगों में कैरोना वैक्सीन की एफिशिएंसी को लेकर ज्यादा हिचक है न कि उसको लगवाने को लेकर हिचकिचाहट है.

scroll to top