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गरीबों के निवाले पर डाका डालने वाले विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं:डॉ. रमन सिंह

० साइंस कॉलेज मैदान में बन रही चौपाटी को हटाने की मुहिम में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय शामिल हुए

रायपुर। पूर्व मंत्री राजेश मूणत के नेतृत्व में साइंस कॉलेज मैदान में बन रही चौपाटी को हटाने की मुहिम में शामिल होकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने भूपेश बघेल सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अब सिर्फ 8 महीने शेष रह गए हैं। गरीबों के निवाले पर डाका डालने वाले विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। डॉ. रमन सिंह ने चौपाटी बनाने के फैसले पर पिछड़े हुए विकास कार्य पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि स्थानीय छात्र-छात्राओं से जुड़े मुद्दे को लेकर पूर्व मंत्री राजेश मूणत द्वारा आयोजित अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पूरी तरह से जायज है।

डॉ. रमन सिंह ने धरना स्थल पर भूपेश सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि भूपेश राज में सिर्फ अपने लोगों को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है। एक तरफ चौपाटी बनाने के लिए रुपयों की बर्बादी कर रहे हैं लेकिन प्रदेश में 16 लाख परिवार के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने से मुकर रहे हैं। सिर्फ 8 महीने बचे हैं जिसमें भूपेश सरकार की किस्मत का फैसला आम जनता करने वाली है। जनता पूरी तरह से भूपेश सरकार की अनीतियों को समझ चुकी है। भाजपा शासनकाल में जिन कार्यों का निर्माण हुआ है, सरकार उनका मेंटेनेंस तक नहीं कर पा रही है धरना स्थल पर राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने कहा कि जिस स्थल में बच्चे अपना भविष्य संवारने के लिए आते हैं वहां उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

मीडिया से हुई बातचीत के दौरान राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने कहा कि बड़े-बड़े शिक्षण संस्थान में कैंटीन की व्यवस्था होती है चौपाटी जैसी व्यवस्था कहीं नहीं होती। बच्चों के भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी से मिलने वाले पैसों का दुरुपयोग क्यों किया जा रहा है। नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि महापौर केवल भ्रष्टाचारी ही नहीं अपितु अशिष्ट भी हैं।

सत्ता के मद में चूर कांग्रेसी महापौर जो मात्र 2 बार के पार्षद हैं, वे पूर्व मंत्री राजेश मूणत को कहते हैं कि मुझसे आकर मिलना था। यह कैसी शिष्टता है? यदि जनसमस्या को लेकर कोई आंदोलन हो तो एक शिष्ट जिम्मेदार नेता की जिम्मेदारी है कि वे उनकी समस्यायें सुनने और उसका निराकरण करने स्वयं पहुँचें। सत्ता के घमण्ड में चूर महापौर को याद रखना होगा कि घमण्ड तो रावण जैसे महाशक्तिशाली का नहीं टिका तो वे तो सिर्फ महापौर हैं।

 

 

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