नई दिल्ली.भारत में 15वें हॉकी वर्ल्ड कप (Hockey World Cup 2023) की शुरुआत आज से होगी. ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर और राउरकेला में टूर्नामेंट के सभी मैच खेले जाएंगे. फाइनल मुकाबला 29 जनवरी को होगा. भुवनेश्वर लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप की मेजबानी करेगा. 2018 में खेले गए वर्ल्ड कप के फाइनल में बेल्जियम ने नीदरलैंड को हराकर खिताब पर कब्जा किया था.
हॉकी वर्ल्ड कप की शुरुआत 1971 में हुई. माना जाता है है कि वर्ल्ड कप का आइडिया पाकिस्तान के एयर मार्शल नूर खान के दिमाग की उपज थी. उन्होंने वर्ल्ड हॉकी पत्रिका के पहले संपादक पैट्रिक राउली के जरिए अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) को इस बारे में बताया. एफआईएच को विचार पसंद आया और उसने पाकिस्तान को पहले हॉकी वर्ल्ड कप का मेजबान बनाने का ऐलान कर दिया.
पाकिस्तान को भारी पड़ी भारत से जंग
1971 में जब पहला वर्ल्ड कप होना था, तब भारत की सेना पाकिस्तान से बांग्लादेश को आजाद कराने में लगी हुई थी. दोनों मुल्कों में तनातनी जोरों पर थी. इन हालात में एफआईएच ने टूर्नामेंट को पाकिस्तान में न कराने का फैसला किया. इसके बाद स्पेन के शहर बार्सिलोना को वर्ल्ड कप की मेजबानी सौंपी गई. भारत और पाकिस्तान समेत 10 टीमों ने टूर्नामेंट में हिस्सा लिया. पाकिस्तान ने मेजबान स्पेन को हराकर हॉकी वर्ल्ड कप का पहला खिताब अपने नाम किया. वर्ल्ड कप ट्रॉफी को भी पाकिस्तानी कारीगरों ने बनाया था. इसका निर्माण में सोने और चांदी का इस्तेमाल किया गया. ट्रॉफी के ऊपरी हिस्से में ग्लोब बना है और उस पर हॉकी स्टिक दिखाई देती है.
9 महीने में बनकर तैयार हो गया वर्ल्ड कप विलेज
राउरकेला के बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम परिसर में वर्ल्ड कप विलेज बनाया गया है. इसे रिकॉर्ड 9 महीने के अंदर तैयार किया गया है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इसका दौरा भी किया. पटनायक ने ऐलान किया है कि अगर भारत वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब रहा तो टीम के सभी खिलाड़ियों को एक-एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे.