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तातापानी महोत्सव का कल शुभारंभ करेंगे मुख्यमंत्री, प्ले बैक सिंगर शान भी देंगे प्रस्तुति

अंबिकापुर। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री 976 करोड़ 47 लाख के विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण करेंगे। तातापानी महोत्सव में छत्तीसगढ़ सहित पड़ोसी राज्य झारखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। 14 से 16 जनवरी तक तीन दिवसीय आयोजन में सुप्रसिद्ध गायक शान  सहित छत्तीसगढ़ एवं झारखंड के लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।

मकर संक्रांति के अवसर पर बलरामपुर-रामानुजगंज के तातापानी में तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन कोरोना महामारी के कारण दो वर्ष के अंतराल बाद होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 14 जनवरी को तातापानी पहुंचेगे और तीन दिवसीय महोत्सव का शुभारंभ करेंगे। बलरामपुर जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित तातापानी प्राकृतिक रूप से निकलते गर्म पानी के लिए प्रदेशभर में प्रसिद्ध है. यहां के कुण्डों व झरनों में धरातल से बारह माह गर्म पानी प्रवाह करता रहता है। मकर संक्रांति पर्व के दौरान तातापानी महोत्सव की अद्भुत छटा देखने को मिलती है तातापानी महोत्सव को लेकर पूरे नगर का माहौल भक्तिमय हो जाता है। झारखण्ड, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश से श्रद्धालु पहुंचते है। तातापानी महोत्सव 2023 में प्रतिदिन हजारों लोगों के पहुंचने की संभावना है।

पहले दिन सुनील, दूसरे दिन शान देंगे प्रस्तुति
तातापानी महोत्सव के तहत सांस्कृतिक संध्या में 14 जनवरी को छत्तीसगढ़ी गायक सुनील मानिकपुरी अपनी प्रस्तुति देंगे। वहीं 15 जनवरी को बॉलीवुड के प्ले बैक सिंगर शान उर्फ शांतनु मुखर्जी अपनी प्रस्तुति देंगे। शान हिंदी सहित बंगाली,तेलगू, मराठी, तमिल, उर्दू व अन्य भाषाओं में गाना गा चुके हैं। वे कई रियलटी शो के जज भी रह चुके हैं।

गर्म पानी के कारण प्रसिद्ध है तातापानी

तातापानी अपने गर्म पानी को लेकर पूरे प्रदेश में विख्यात है। मकर संक्रांति के अवसर पर यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु गर्म पानी में डुबकी लगाते हैं। यहां हमेशा गर्म पानी निकलने का कारण जमीन के नीचे प्रचुर मात्रा में सल्फर की मौजूदगी के कारण है। सल्फर के पानी में मिलने के कारण पानी गर्म होकर बाहर निकलता है। सल्फर मिश्रित पानी के कारण ही चर्म रोगी इस पानी में ठीक हो जाता हैं। हालांकि इसे धार्मिक महत्व को लेकर भी जाना जाता है।

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