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बीमार बच्चों का हालचाल जानने सुबह पांच बजे कलेक्टर पहुंचे जिला अस्पताल

० कलेक्टर के निर्देश पर बेहतर इलाज के लिए बच्चों को रातों रात सीएचसी से जिला अस्पताल किया गया था शिफ्ट

० गलती से रतनजोत बीज खा लेने से बच्चे हुए थे बीमार ,सभी 7 बच्चों की स्थिति सामान्य, सभी खतरे से बाहर

गरियाबंद।गलती से रतनजोत बीज खा लेने के बाद अस्पताल में भर्ती बच्चों को देखने कलेक्टर दीपक अग्रवाल आज सुबह 5 बजे ही जिला अस्पताल पहुंच गए। कलेक्टर की संवेदनशीलता और संजीदगी कदम से सभी 7 बच्चों का बेहतर इलाज हो रहा है। साथ ही सभी बच्चों की स्थिति सामान्य है, सभी स्वस्थ्य है। उल्लेखनीय है कि बीते शाम विकासखंड मैनपुर के ग्राम बड़े गोबरा में स्थित आदिवासी बालक आश्रम के बच्चों ने शाम का खाना खाने के पश्चात गलती से रतनजोत के बीज का सेवन कर लिया था। इससे बच्चों को उल्टी और पेट दर्द संबंधी स्वास्थ्य समस्या शुरू हो गई। तबियत बिगड़ते देख बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैनपुर में एडमिट किया गया। जहा इलाज के बाद सभी 7 बच्चो के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा था। कलेक्टर श्री अग्रवाल को घटना के संबंध में जानकारी प्राप्त होने पर उन्होंने तत्काल बच्चों के बेहतर इलाज करने के निर्देश चिकित्सकों को दिए। तत्पश्चात बीएमओ मैनपुर द्वारा सभी 7 बच्चो को बच्चो के डॉक्टर के देख रेख में इलाज हेतु 16 जनवरी को रात्रि में ही जिला अस्पताल गरियाबंद रिफर किया गया। जहां जिला अस्पताल सिविल सर्जन के नेतृत्व में बच्चो का इलाज तत्काल शुरू किया गया। जहां बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति सामान्य हो गई।

इसी दौरान घटना की पल पल की खबर ले रहे कलेक्टर श्री अग्रवाल ने दिन शुरू होने का इंतजार नही किया, और भोर में ही सुबह पांच बजे बच्चों का हाल चाल जानने जिला अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने अस्पताल पहुंचते ही बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में मौजूद डॉक्टरों से जानकारी ली। साथ ही बच्चों को दिए जा रहे बेहतर ट्रीटमेंट के बारे में भी पूछा। उन्होंने डॉक्टरों को बच्चों के बेहतर ध्यान रखने और इलाज करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने बच्चों से बड़ी तन्मयता से बात कर पूछा की बेटा उल्टी तो नही आ रही.. तबियत ठीक है..कोई परेशानी तो नहीं। कलेक्टर ने अस्पताल में मौजूद बच्चों के परिजनों से भी बातचीत कर बच्चों के इलाज के बारे में चिंता नही करने का साहस बंधाया। इस दौरान चिकित्सकों ने बताया कि सभी 7 बच्चों की स्थिति खतरे से बाहर है, सभी एकदम सामान्य है। सिविल सर्जन ने बताया कि बेहतर और पूर्ण स्वास्थ्य निगरानी के लिए अगले 24 घंटे सभी 7 बच्चे जिला अस्पताल में डॉक्टरों की देख रेख़ में ही रहेंगे।

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