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मणिपुर में हिंसा : पिता-पुत्र समेत चार लोगों की गोली मारकर हत्या, बिष्णुपुर में तनाव

नेशनल न्यूज़। मणिपुर में जातीय हिंसा के बीच पिछले 24 घंटों में अलग-अलग घटनाओं में पिता-पुत्र सहित चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं। बिष्णुपुर जिले के बिष्णुपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत निंगथौखोंग खा खुनौ में गुरुवार शाम करीब 4 बजे हथियारबंद लोगों ने पिता-पुत्र सहित तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतकों की पहचान ओइनम बामोनजाओ, उनके बेटे ओइनम मैनिटोम्बा और थियाम सोमेन के रूप में हुई है। सभी निंगथौखॉन्ग खा कुनोउ के निवासी थे।

सूत्रों के मुताबिक छह अन्य लोग भी घायल हुए हैं। इन हत्याओं के बाद राज्य के दक्षिणी भाग में निंगथौखोंग बाजार और उसके आसपास तनाव व्याप्त हो गया। इसी तरह बुधवार रात करीब 11 बजे इंफाल पश्चिम जिले के कांगचुप में हुए हमले में 26 वर्षीय मैतेई ‘ग्राम रक्षा स्वयंसेवक’ की मौत हो गई, जिसकी पहचान ताखेललंबम मनोरंजनन के रूप में हुई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

सूत्रों के मुताबिक तीनों लोगों जब राज्य सरकार द्वारा संचालित निंगथौखॉन्ग जल आपूर्ति योजना की मिनी वॉटर टंकी से पानी ला रहे थे, तब करीब लगभग पांच अज्ञात हथियारबंद लोगों ने तीन ग्रामीणों को रोका और बहुत नजदीक से गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। अपराध को अंजाम देने के बाद, हत्यारे चुराचांदपुर जिले की सीमा में पास की पहाड़ी की ओर भागने में सफल रहे।

लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
मारे गए ग्रामीणों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए इंफाल के रिम्स अस्पताल में रखा गया है। हत्याओं के बाद राज्य के दक्षिणी भाग में निंगथौखोंग बाज़ार और उसके आसपास तनाव व्याप्त हो गया। न्याय की मांग करते हुए बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिनमें अधिकांश महिलाएं थीं। इस बीच, तीन लोगों की हत्या के खिलाफ एक संयुक्त कार्रवाई समिति का गठन किया जा रहा है।

बुधवार से राज्य के अलग-अलग जिलों में हिंसा की घटनाओं में दो पुलिस कमांडो सहित सात लोग मारे जा चुके हैं। पिछले साल मई से मणिपुर में जातीय हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में अब तक 180 से अधिक मारे जा चुके हैं।

हिंसा प्रभावित मोरेह में भारी सुरक्षा बलों की तैनाती
मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने गुरुवार को कहा कि हिंसा प्रभावित मोरेह शहर में राज्य पुलिस की तीन कमांडो इकाइयों की तैनाती पर्याप्त नहीं है, जिसके कारण सुरक्ष बल उग्रवादियों की हिंसा का शिकार हो रहे हैं। सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों पर हालिया हमलों को देखते हुए तीन कमांडो इकाइयों को सीमावर्ती शहर के अन्य क्षेत्रों में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। सिंह ने कहा कि बुधवार सुबह आतंकवादियों ने मोरेह में तीन स्थानों पर कमांडो चौकियों को निशाना बनाया। विचार-विमर्श के बाद निष्कर्ष निकाला गया कि शहर के निचले इलाकों में तैनात होने के कारण कमांडो इकाइयां उचित कार्रवाई नहीं कर पा रही हैं। हमने इकाइयों को शहर के ऊंचाई वाले इलाकों में स्थानांतरित करने का फैसला किया है, जहां सुरक्षा बल आतंकवादियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकते हैं। सिंह ने कहा कि गुरुवार शाम को आतंकवादियों के खिलाफ अभियान शुरू किया गया है। बीएसएफ की एक टुकड़ी, सेना की दो टुकड़ियां और चार कैस्पर वाहनों सहित अतिरिक्त बल मोरेह पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय का एक हेलीकॉप्टर भी इलाके में पहुंच गया है।

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