नई दिल्ली : साल 2020 हमेशा कोरोना वायरस के लिए याद रखा जाएगा. कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को ही बदलकर रख दिया है. वहीं कोरोना के कारण भारत में भी कई बदलाव देखने को मिले हैं. कोरोना वायरस के कारण आर्थिक स्तर पर भी बदलाव देखने को मिला है. वहीं रियल एस्टेट सेक्टर को भी कोरोना ने पूरी तरह से बदल दिया है. इस बार के बजट में सरकार से इस सेक्टर के लिए खास पैकेज की उम्मीद की जा रही है.
नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि साल 2020 कोरोना वायरस महामारी के साथ कई सारे जटिल हालात पैदा करने के साथ ही एक अभूतपूर्व साल रहा है और विश्व स्तर पर इसको लेकर चुनौतियों का सामना किया जा रहा है. भारत भी इन सब में कोई अपवाद नहीं रहा है. वित्तवर्ष 2019-20 की अंतिम तिमाही ने केंद्र सरकार के जरिए पेश किए गए आर्थिक और नीतिगत सुधारों की एक श्रृंखला के कारण आर्थिक मंदी के बावजूद सकारात्मक सुधार के रूझानों का संकेत दिया है. महामारी के चलते लगाया गया संपूर्ण आर्थिक लॉकडाउन भारतीय अर्थव्यवस्था में एक बड़ा ठहराव लाया और इससे भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.
उन्होंने कहा कि भारतीय रियल एस्टेट के सबसे मुश्किल हालात में से ये दौर सबसे चुनौतीपूर्ण था. प्रवासी श्रमिक अपने मूल प्रदेशों को लौट गए, ग्राहक परियोजना स्थलों तक नहीं जा सकते थे. पूंजी की कमी और सप्लाई चेन आदि का भी पूरी तरह से टूट जाना, कुल मिलाकर पूरी तरह से निराशा का माहौल था. हालांकि हाल के नीतिगत सुधारों का व्यापक प्रभाव गंभीर तरलता संकट के कारण हुआ और कोविड 19 महामारी इन सभी चुनौतियों में सबसे बड़ी बनकर सामने आई.
उनका कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने अधिक लचीलापन दिखाया है और अब सकारात्मक मोड में आने वाले जीडीपी पूर्वानुमानों के साथ फिर से मजबूती दिखाई है और तेजी से पुनरुद्धार की ओर बढ़ी है. वहीं किफायती किराए के आवास सेक्टर को भी काफी ज्यादा प्रोत्साहन मिला है. भारतीय अर्थव्यवस्था खपत आधारित है और त्योहारी सीजन की शुरुआत ने बाजार की अनुकूल परिस्थितियों के साथ मिलकर हाउसिंग की मांग को बढ़ावा दिया है.
मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि घरों की बिक्री में सुधार हुआ है और संपत्ति पंजीकरण में वृद्धि दर्ज हुई है. जिससे किनारे पर बैठे और घर खरीदने का इंतजार कर रहे लोगों को भी वास्तविक घर खरीदारों में परिवर्तित होने का मौका मिला है. इस महामारी के संकट ने जमीनी स्तर पर आराम, सुविधा और सामुदायिक जीवन के आधार पर घरों की आवश्यकता को कम कर दिया था लेकिन बीते कुछ महीनों में ये रुझान बदला है.
निरंजन हीरानंदानी ने बताया कि नई सामान्य दिनचर्या ने होम कल्चर को फिर से बनाने में भूमिका अदा की है और घर से काम करने के लिए कल्चर, घर पर पढ़ाई, घर पर वर्कआउट आदि ने घरों की जरूरत को बढ़ाया है और इसमें काफी बदलाव आ रहा है. जीवनशैली में सबसे ऊपर रहने के लिए अतिरिक्त सुविधाजनक स्पेस और लक्जरी घरों के साथ बेहतर लेआउट की मांग ने घर खरीदारों की पसंद सूची में सबसे ऊपर जगह हासिल की है.
उन्होंने बताया कि नए दौर के घर खरीदारों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए डेवलपर्स के ड्राइंग बोर्ड पर होम ऑटोमेशन और टेक्नोलॉजी संचालित सुविधाओं के लिए नए सिरे से मांग बढ़ाई है. इसी प्रकार महामारी ने स्वच्छता और साफ-सफाई को महत्व दिया है क्योंकि इसमें बेहतर वेंटिलेशन और प्राकृतिक प्रकाश और निर्बाध बिजली आपूर्ति, मजबूत इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए फाइबर-ऑप्टिक कनेक्टिविटी आदि सुविधाओं की मांग भी बढ़ी है.
इसके साथ ही रिमोट वर्क कल्चर, भू-राजनैतिक अनिश्चितता, मुद्रा के मूल्यों में कमी और अन्य निवेश परिसंपत्तियों के मूल्यों में तेज अस्थिरता ने काफी लोगों का भरोसा हिलाया है और एक सुरक्षित निवेश के रूप में रियल एस्टेट दुनिया भर में एनआरआई समुदायों को सुरक्षित रूप से अपने घर बनाने के लिए वापस आकर्षित किया. धीरे-धीरे महिला खरीदारों के साथ घर खरीदार प्रोफाइल में बदलाव हो रहा है और अपना पहला घर खरीदने का विकल्प चुनने वाले किराएदारों को वित्तवर्ष 2020-21 में घर खरीदारों का सबसे बड़ा वर्ग बनाते हुए देखा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि कमर्शियल रियल एस्टेट को लॉकडाउन में भी काफी अधिक विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है और इसके कारण लोगों को घर और रिमोट वर्क कल्चर के तहत ऑफिस से दूर काम करना पड़ा लेकिन वर्क कल्चर के लिए वॉक टू वर्क और ऑफिस में आकर काम करने का रुझान फिर से तेज गति से वापिस आ रहा है और कर्मचारी नेटवर्किंग कल्चर, स्वच्छता, और कल्याण देखभाल को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिकता दी जा रही है.
नए कमर्शियल स्पेसेज में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए कड़े मानदंडों का पालन करना होगा और कार्यबल को समायोजित करने के लिए बड़े ऑफिस स्पेसेज की आवश्यकता होगी. इसके अलावा, व्यापार विस्तार योजनाओं के लिए विकेंद्रीकृत ऑफिस स्पेस के लिए आसपास की जगहों पर निकटता के साथ को-वर्किंग स्पेसेज, सुविधाजनक जगहों और बिजनेस सेंटर की मांग को बढ़ाएगा.
निरंजन हीरानंदानी के मुताबिक रियल एस्टेट उद्योग का भविष्य कंसोलिडेशन और संयुक्त उपक्रमों और ज्वॉइंट डेवलपमेंट के नए रुझान के रूप में देखा जाएगा. इस प्रक्रिया में काफी चीजों को स्पष्ट कर दिया गया है और ब्रांडेड डेवलपर्स प्रमाणित ट्रैक रिकॉर्ड और वित्तीय स्थिरता बनाए रखेंगे और सामान्य शब्दों में कहें तो सबसे बेहतर ही अपना अस्तित्व बनाए रखेगा. बिजनेस मॉडल बदल जाएगा और वित्तीय प्रभाव के साथ कम ऋण अनुपात बारीकी से निगरानी में रहेगा. उद्योग कम लागत के फाइनेंस विकल्पों की तलाश जारी रखेगा. ग्राहक केंद्रित 2020 से सभी तरह के कारोबार का मूल मंत्र होगा जो भविष्य में बढ़ेगा.
उन्होंने कहा कि एक और बड़ा बदलाव हो रहा है. ग्रीन रियल एस्टेट विकास भविष्य है. इसलिए पानी और कचरे की रीसाइक्लिंग, वर्षा जल संचयन, कार्बन उत्सर्जन पर नियंत्रण, ग्रीन स्पेसेज को बढ़ाना और सौर के साथ-साथ नए नए रिन्यूएबल बिजली उत्पादन विकल्प भी 2021 में देखने योग्य शब्द होंगे. कोविड-19 ने हमेशा के लिए जीने का तरीका बदल दिया है और रियल्टी बाजार नए रुझानों और वरीयताओं को बदलेगा, जो जीवन की बेहतर गुणवत्ता को बढ़ावा देते हैं. हालांकि, भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर का पुनरुद्धार अपरिहार्य है क्योंकि यह दूसरा सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता है. लगभग 269 संबद्ध उद्योगों पर रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र में वापसी गतिविधियां शुरू होने से काफी अधिक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.