Close

कुष्ठ रोगी पिता को बेटे ने पहुंचाया शमशान घाट, वहीं झोपड़ी में पंहुचा देते हैं दो वक़्त का खाना

गरियाबंद। जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। मैनपुर के मदांगमुड़ा गांव में कुष्ठ रोग से ग्रसित जिंदा पिता को उसके बेटे ने श्मशान घाट पहूचा दिया गया है। सामाजिक श्मशान के मुहाने पर एक कच्ची झोपड़ी बनाकर पिता को दो वक़्त का भोजन घर से उसकी वृद्ध पत्नी पहुँचाती है.12 दिनों से श्मशान घाट में रह रहे बीमार पिता को अब मौत का इंतजार है। दरअसल विगत 5 साल से 65 वर्षीय गुंचु यादव कुष्ठ रोग से ग्रसित है।कुष्ठ उन्मूलन के लिए ब्यापक कार्यक्रम चलने के बावजूद इस मरीज को सरकारी इलाज नसीब नहीं हुआ।

मजदूर परिवार अपने हैसियत के मूताबिक उसका इलाज निजी अस्पतालों में करा कर थक चुका था,पीडित के घर मे रहने पर ग्रामीणों को भी एतराज था,उनकी दलील थी कि यह रोग अन्य लोगो मे फैल जाएगा।ताने व तंगी से लड़ते थक चुके बेटों ने आखिरकार घर के बाहर रखने का निर्णय लिया।कुष्ठ रोग को ग्रामीण व परिजन जिस नजरिये से देख रहे थे उससे बेटों को आशंका हो गई कि मरने के बाद कंधा देने वाले भी नहीं आएंगे।

मजबूर बेटों ने सामाजिक श्मशान घाट के किनारे ही पिता का ठिकाना बनाया,दिसम्बर माह में स्वास्थ्य विभाग ने 20 दिनों तक कुष्ठ उन्मूलन व जागरूकता कार्यक्रम चलाया,रोगी की पहचान के लिए सर्वे भी कराया,पर विभाग की नजर इस बुजुर्ग पर नही पड़ा है।मामले की भनक समाज सेवी गौरी कश्यप को लगी तो उसने सुध लेकर अब प्रसाशन तक बात पहूचाने की तैयारी कर रहा।

scroll to top