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फैक्ट्री के अधिभोगी को 2 वर्ष की कैद एवं 10,00,000/- रूपये अर्थदंड

रायपुर। छ.ग. राज्य औद्योगिक न्यायालय रायपुर ने दोंदेखुर्द स्थित आर.सी.कास्टिंग इण्डस्ट्रीज के अधिभोगी योगेश गुप्ता को कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 92 एवसं 96-ए के तहत दोषी पाते हुए, 2 वर्ष की साधारण कारावास एवं 10,00,000/- दस लाख रूपये के अर्थदंड से दंडित किया। विदित हो कि योगेश गुप्ता आर.सी.कास्टिंग इण्डस्ट्रीज दोंदेखुर्द के मालिक है। उनके कारखाने का निरीक्षण औद्योगिक स्वास्थ एवं सुरक्षा के अधिकारी के द्वारा दिनांक 20.11.2014 को किया गया था, तब उन्होंने पाया था कि कारखानें के अधिभोगी योगेश गुप्ता ने ठेका श्रमिकों से संबंधित संवैतानिक अवकाश नहीं रखा था। खतरनाक प्रक्रिया में नियोजित श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं कराया था। श्रमिकों को बगैर सुरक्षा उपकरण सेफ्टी शूज, हेल्मेट, नोज मास्क एवं हैण्ड ग्लोब्ज के बिना कार्य कराया गया था।

कारखाना के अधिभोगी योगेश गुप्ता ने व्यवसायजन्य हेल्थ सेंटर कारखाने में नहीं बनाया गया था। कारखाने में स्थापित प्रेशर वेसल्स एवं ई.ओ.टी. की जांच मुख्य कारखाना निरीक्षक द्वारा नियुक्त सक्षम व्यक्ति से नहीं कराया था। अग्निशामक यंत्र की व्यवस्था नहीं की गई थी। अभियुक्त कारखाना खतरनाक श्रेणी का है। अभियुक्त द्वारा श्रमिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने सेफ्टी कमेटी नहीं बनाया गया था इस कारण कारखाना के अधिभोगी को दंडित करने हेतु परिवादी ने श्रम न्यायालय रायपुर में दण्डित परिवाद पेश किया था। दिनांक 23.01.2020 को श्रम न्यायालय रायपुर ने निर्णय पारित करते हुए कारखाना के अधिभोगी योगेश गुप्ता को दोषमुक्त कर दिया था।

श्रम न्यायालय रायपुर के निर्णय दिनांक 23.01.2020 के विरूद्ध राज्य औद्योगिक न्यायालय रायपुर में अपील प्रस्तुत की गई थी। अपील के निराकरण दिनांक 24.01.2024 को करते हुए राज्य औद्योगिक न्यायालय रायपुर में आर.सी.कास्टिंग इण्डस्ट्रीज दोंदेकला के अधिभोगी योगेश गुप्ता दो वर्ष के कारावास एवं 10,00,000/- दस लाख रूपये से दंडित किया। अर्थदंड जमा नहीं करने पर सभी आरोपों के लिए एक माह के अतिरिक्त जेल की सजा से दंडित किया है। विदित हो कि राज्य औद्योगिक न्यायालय रायपुर की स्थापना छ.ग. राज्य बनने के बाद हुई है। राज्य औद्योगिक न्यायालय रायपुर उच्च न्यायालय के समकक्ष है। छ.ग. राज्य बनने के बाद यह प्रथम अवसर है जब राज्य औद्योगिक न्यायालय ने किसी अपराधिक प्रकरण में दो वर्ष की कैद एवं 10,00,000/- (दस लाख) रूपये के अर्थदंड से दंडित किया।

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