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चढ़ते बाजार में रिवार्ड के साथ रिस्क भी, नए म्यूचुअल फंड निवेशक अपनाएं ये रणनीति

हाल की तेजी में सेंसेक्स के 50 हजार के पार होते ही म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने वाले कई निवेशकों को लग रहा है कि उन्हें अब इक्विटी में ज्यादा दांव लगाना चाहिए. लेकिन म्यूचुअल फंड विशेषज्ञों का मानना है कि नए म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए हाइब्रिड फंड सबसे बेहतर साबित होंगे. हाइब्रिड फंड हर एसेट क्लास में निवेश करते हैं.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि म्यूचुअल फंड निवेशक इक्विटी, डेट और गोल्ड में निवेश करने वाले मल्टी एसेट फंड में निवेश कर सकते हैं. इसकी वजह एक्सपर्ट्स ये बताते हैं कि हाल के दिनों में शेयर बाजार की तेजी की वजह से इक्विटी वैल्यूएशन अब सस्ता नहीं रह गया है. जबकि ब्याज दरें भी न्यूनतम रेट पर हैं. हालांकि ऊंचे वैल्यूएशन का मतलब यह नहीं कि निकट भविष्य में मार्केट गिर ही जाएगा लेकिन जोखिम तो बढ़ ही गया है. इसलिए रिस्क कवर करने के लिए नए निवेशकों को हाइब्रिड फंड में निवेश पर फोकस करना चाहिए.

अगर शेयर मार्केट लगातार बढ़ता रहा तो निवेशकों के हाथ से ऊंचे वैल्यूएशन का फायदा जाता रहेगा इसलिए मिले-जुले एसेट क्लास में निवेश से निवेशकों को इक्विटी में तेजी का फायदा मिलेगा. साथ ही मिक्स एसेट क्लास होने की वजह जोखिम भी कम हो जाएगा. इसलिए निवेशकों को ऐसे फंड में निवेश करना चाहिए जिसमें हेजिंग के लिए डेट और गोल्ड भी शामिल हो.

एचडीएफसी म्यूचुअल फंड की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1999 के बाद से लगातार 23 साल तक इक्विटी सबसे अच्छा परफॉर्म करने वाला एसेट क्लास रहा है, वहीं डेट पिछले पांच साल और गोल्ड छह साल से टॉप एसेट क्लास बना हुआ है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इक्विटी में बेहद सक्रिय निवेश करने वाले निवेशकों को भी छह महीने में अपने पोर्टफोलियो की री-बैलेंसिंग के बारे में सोचना चाहिए.

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