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नाबालिग को भगाकर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

 

0 पांच हजार रुपए के अर्थदंड से भी किया दंडित

गरियाबंद। न्यायालय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय (पाक्सो एवं बलात्कार मामले) गरियाबंद, जिला- गरियाबंद यशवंत वासनीकर द्वारा 08 फरवरी 2024 को नाबालिग पीड़िता को भगाकर ले जाकर उनके इच्छा के विरूद्ध जबरदस्ती लगातार शारीरिक संबंध बनाने वाले आरोपी उमेश कुमार यादव पिता- नीलसिंह यादव उम्र 25 वर्ष साकिन- गुड़भेली थाना-देवभोग जिला-गरियाबंद को आरक्षी केन्द्र देवभोग के अपराध क्रमांक 326 / 2021 पाक्सो प्रकरण क्रमांक 01/ 2022 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5,000/ रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

मामला इस प्रकार है कि पीड़िता के पिता द्वारा थाना देवभोग में लिखित रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उसकी पुत्री / पीड़िता 16 वर्ष 4 माह दिनांक 01.11.2021 को रात्रि घर से बिना बताये कही चली गई है। जिसे आस-पास रिश्तेदारों के यहाँ पता तलाश किये जिसकी कही पता नहीं चला। प्रार्थी ने सन्देह व्यक्त किया था कि इसकी लड़की / पीड़िता आरोपी उमेश यादव के साथ बातचीत करता था जिसे पीड़िता को 4 माह पूर्व आरोपी से बात नहीं करने की समझाइस दिये थे। घटना के समय आरोपी के घर जाकर पता तलाश करने पर सन्देही आरोपी भी अपने घर में नहीं था।

आरोपी उनकी पुत्री / पीड़िता को बहला फुसलाकर भगाकर अपने साथ ले गया है। उक्त लिखित सूचना पर पुलिस थाना देवभोग द्वारा धारा 363 भा०दं०संहिता के तहत अपराध पंजीबद्ध कर अन्वेषन में लिया गया। विवेचना के दौरान 07.11.2021 को मुखबिर से सूचना मिलने पर कि ग्राम बजारी में पीड़िता एवं सन्देही आरोपी घुम रहे है। उक्त सूचना पर पुलिस द्वारा दोनो व्यक्तिों को पकड़े और आरोपी के कब्जे से पीड़िता को बरामद कर थाना लाये थे। पुलिस द्वारा पीड़िता से पूछताछ करने पर बतायी थी कि दिनांक 01.11.2021 को आरोपी उमेश उसे प्रेम जाल में फंसा कर भगा कर ले गया था तथा दिनांक 02.11.2021 से 06.11.2021 तक उसके साथ जबरदस्ती लगातार शारीरिक संबंध बनाया है पुलिस द्वारा प्रकरण की सम्पूर्ण विवेचना पश्चात आरोपी के विरूद्ध धारा 363, 366, 376 (2) (ढ) एवं धारा 6 पाक्सो एक्ट के तहत न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था।

उक्त प्रकरण में अभियोजन द्वारा अपने पक्ष समर्थन में कुल 09 साक्षियों का परीक्षण कराया गया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय गरियाबंद यशवंत वासनीकर द्वारा प्रकरण में आये मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर आरोपी को दोषसिद्ध पाते हुए धारा 363 भा०दं०संहिता में 2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं1,000/ रुपये का अर्थदण्ड, धारा 366 भा०दं०संहिता के अपराध में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2,000/ रुपये का अर्थदण्ड एवं धारा 6 पाक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5,000/ रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। न्यायालय द्वारा पीड़िता की शारीरिक मानसिक पीड़ा को देखते हुए पीड़िता की आर्थिक एवं सामाजिक परिस्थितियों पर विचार करते हुए प्रतिकर स्वरूप 4,00,000 (चार लाख रुपये) जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से दिलाये जाने का भी निर्णय पारित किया गया है। उक्त रकम में से अस्सी प्रतिशत राशि पीड़िता के नाम पर किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में सावधि जमा खाते में तीन वर्ष के लिये फिक्स डिपाजिट किये जाने का आदेश पारित किया गया है। उक्त प्रकरण में अभियोजन की ओर से जनक राम साहू अतिरिक्त लोक अभियोजक जिला गरियाबंद द्वारा पैरवी की गई।

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