पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को इस बात को कबूला कि वो देश में क्रांतिकारी बदलाव नहीं ला सके जैसा उन्होंने सत्ता में आने से पहले अपने वादों में कहा था. इमरान ने इसके लिए अफसोस जताते हुए सरकार की नाकामी बताया.
पाकिस्तान अखबार डॉन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान ने कहा कि, शुरुआती दौर में हमने क्रांतिकारी कदम उठाकर तेजी से बदलाव लाने की कोशिश की लेकिन बाद में हमें अहसास हुआ कि हमारा ये तंत्र इस तरह झटके सहने को तैयार नहीं है. बता दें, इमरान ने इन बातों को अपनी सरकार के 10 बड़े मंत्रियों के सम्मान समारोह में कही. उन्होंने कहा कि वो और उनकी सरकार उन नतीजों को नहीं ला सकी जिसका उन्होंने वादा किया था.
सरकार और देश के हित के बीच कोई संबंध नहीं– इमरान
इमरान खान ने कहा कि, इसके पीछे की सबसे बड़ी समस्या ये रही कि सरकार और देश के हित के बीच कोई संबंध नहीं है. उन्होंने बताया कि हमारे मंत्री इस काम में जुटे हैं कि कैसे देश के लोगों की हालत को सुधारा जाए और कैसे देश की गरीबी को खत्म किया जाए?
इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
वहीं, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने इस बात का ऐलान किया है कि वो पाक सासंद में पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आएगी.
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