अंबिकापुर। सूरजपुर जिले के विकासखंड प्रेमनगर अंतर्गत ग्राम हरिहरपुर निवासी पति-पत्नी गेज नदी को नाव से पार करने के दौरान बीच नदी में नाव पलटने से लापता हो गए। नाव चला रहा नाविक एवं उसकी पत्नी किसी तरह तैरकर बाहर आ गए। घटना की सूचना पर सूरजपुर एवं अंबिकापुर से रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। गोताखारों ने दोनों की तलाशी के लिए अभियान चलाया, लेकिन उनका पता नहीं चला। शाम हो जाने के कारण रेस्क्यू अभियान बंद करना पड़ा। गुरूवार सुबह से फिर से रेस्क्यू आपरेशन चलाया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार हरिहरपुर निवासी श्रवण सिंह व उसकी पत्नी श्याम बाई दोपहर को विश्रामपुर के सतपता जाने के लिए निकले थे। शाम करीब चार बजे वे गेज नदी में चलने वाली नाव मे ंसवार होकर नदी पार कर रहे थे। इसी दौरान तेज बहाव में नाव के अनियंत्रित हो जाने से नाव बीच नदी में पलट गई। नाव पलटने के बाद नाविक व उसकी पत्नी तो किसी तरह तैरकर किनारे की ओर आ गये, किन्तु श्रवण व उसकी पत्नी लापता हो गए हैं। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस एवं प्रशासनिक अमले को दी। पुलिस व प्रशासनिक अमले द्वारा आनन-फानन में स्थानीय लोगों की मदद से खोजबीन प्रारंभ की। जब किसी प्रकार की सफलता नहीं मिली तो सरगुजा व सूरजपुर से गोताखोरों के दल के साथ रेस्क्यू टीम को बुलाया गया। सूरजपुर के 10 प्रशिक्षित गोताखोर नगर सैनिक व अंबिकापुर की एसडीआरएफ के 5 सदस्यों की टीम घटना स्थल पहुंची। देर शाम तक काफी मशक्कत और दूर तक खोजबीन के बाद भी दोनों का पता नहीं चला। अंधेरा होने की वजह से रेस्क्यू कार्य बंद कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि सुबह फिर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर गोताखोरों के माध्यम से एक बार खोजबीन अभियान पुनः शुरु किया जाएगा। जहां नाव पलटी थी, वहां पानी काफी गहरा भी है। हरिहरपुर पंचायत के उक्त आश्रित मोहल्ले में इस घटना को लेकर मातम छाया हुआ है।
लंबी दूरी तय करने से बचने नाव ही साधन
ग्रामीणों ने बताया कि हरिहरपुर पंचायत के आश्रित मोहल्ले सोहरगड़ई व ठोरठिहाई जाने के लिए नदी में चलने वाली नाव ही एकमात्र सहारा है। सडक़ मार्ग से आने के लिए उन्हें 20 किमी चलकर रामेश्वरनगर आना पड़ता है। तब बस इत्यादि के साधन मिल पाते हैं। नाव से गेज नदी में ग्रामीणों की आवाजाही लंबे समय से है और यह जोखिम भरा भी है।