रायपुर। कौशल उद्यमिता आज के आर्थिक परिदृश्य की एक प्रमुख विशेषता है। हमारे देश की स्थापना के बाद से, यह आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, और अनगिनत विचारों का स्रोत रहा है, जिनमें से कई का सफलतापूर्वक उत्पादों और सेवाओं में अनुवाद किया गया था जो हमारे देश और दुनिया भर में नागरिकों को छूता है, जीवन बचाता है और बढ़ाता है। जीवन की गुणवत्ता। बॉश इंडिया फाउंडेशन और मैट्स यूनिवर्सिटी के बीच संबंध काफी लंबे समय से हैं जब हमने कोविड-19 की महामारी का सामना किया था। कोविड काल के दौरान, बॉश इंडिया के सहयोग से हमने ब्रिज प्रोग्राम के माध्यम से कौशल उद्यमियों को प्रशिक्षण प्रदान किया – बॉश इंडिया की एक पहल।
आज एमएसईआईटी मैट्स विश्वविद्यालय रायपुर में ‘प्राइड – स्किल एंटरप्रेन्योरशिप स्टेकहोल्डर्स गैदरिंग’ के माध्यम से हमें इस कार्यक्रम में अपने विशेष अतिथि डॉ. ओ.पी. गोयल ,जो की सलाहकार ‘बॉश इंडिया और NSDC’, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, भारतसरकार, के साथ विचारों और अनुभवों के आदान-प्रदान और संवाद करने का सुनहरा अवसर मिला। एवं सीतेश भारती ,राष्ट्रीय प्रमुख प्राइड परियोजना, ने हमारे साथ जुड़ने के लिए अपने बेहद व्यस्त कार्यक्रम से समय निकाला।
पूरे कार्यक्रम की शुरुआत सभा स्थल पर दीप प्रज्वलन की रस्म के साथ हुई। हमारे माननीय कुलपति प्रो. (डॉ.) के.पी. यादव के द्वारा एक अच्छी तरह से सूचित और प्रेरक परिचयात्मक भाषण के के साथ हुआ। सर ने कौशल आधारित शिक्षा प्रदान करने में शैक्षणिक/औद्योगिक प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आज के परिदृश्य में कौशल उद्यमिता की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया। उनके बाद प्राइड प्रोजेक्ट के राष्ट्रीय प्रमुख श्री सीतेश भारती ने सभा को संबोधित किया और बताया कि स्किलिंग कैसे की जाती है। और एक उद्यमी में कौन-कौन से गुण होने चाहिए जिससे समाज को बड़े पैमाने पर लाभ हो। बाद में, हमारे सम्मानित अतिथि डॉ ओ.पी. गोयल जी, जो BRIDGE कौशल उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रवर्तक हैं। उन्होंने बताया कि कैसे पूरा औद्योगिक प्रशिक्षण सत्र किस तरह काम करता है। अध्ययन और प्रशिक्षण के इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को उनकी उद्यमशीलता की यात्रा शुरू करने के लिए आवश्यक कौशल सेट से लैस करना है।
बॉश इंडिया के राज्य समन्वयक धर्मेंद्र तांती ने भी प्रतिभागियों के साथ बातचीत की। कार्यक्रम में मैट्स यूनिवर्सिटी की डीन डॉ. ज्योति जनास्वामी ने भी अपने विचार रखे। IACL (इंडस्ट्री एकेडेमिया कोलैबोरेशन लीड – स्किल एंटरप्रेन्योरशिप) और एमएसईआईटी के प्रिंसिपल डॉ. अभिषेक जैन ने भी कौशल उद्यमिता के युवा उम्मीदवारों को संबोधित किया। कुलसचिव गोकुलानंद पांडा ने प्राइड के हितधारकों की बैठक की चर्चाओं की महत्वपूर्ण विशेषताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव दिया। पूरे सत्र की योजना और क्रियान्वयन एसएमई (विषय वस्तु विशेषज्ञ – कौशल उद्यमिता) एमएसईआईटी के प्रोफेसर शीतल गजलवार द्वारा किया गया था।
मैट्स विश्वविद्यालय रायपुर के माननीय कुलाधिपति, गजराज पगारिया जी हमारे ऐसे सभी प्रयासों में हमेशा प्रोत्साहन के स्रोत रहे हैं। मैट्स विश्वविद्यालय के महानिदेशक प्रियेश पगारिया जी ने इस तरह के आयोजनों की शुरूआत और सफल समापन देखने के लिए अपनी उत्सुकता व्यक्त की। उन्होंने आयोजन के युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन का संदेश भी भेजा।