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सेमिनार में मुद्रा योजना की उपयोगिता की जानकारी दी गई

० कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ’मुद्रा योजना’ पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन

भिलाई। भारत सरकार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और युवा कार्यक्रम व खेल विभाग एवं राजभवन रायपुर से प्राप्त पत्र में उल्लेखित निर्देशानुसार ’यूथ 20 समिट’ के अंतर्गत कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय भिलाईनगर में ’शोध समिति’ द्वारा ’मुद्रा योजना या मुद्रा बैंक योजना’ पर आज एक दिवसीय संगोष्ठी सह व्याख्यान का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में चंदूलाल चद्राकर शासकीय महाविद्यालय पाटन के वाणिज्य संकाय के सहायक प्राध्यापक डॉ. गौरव शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर.पी. अग्रवाल ने की।

अपने मुख्य संबोधन ने प्राचार्य डॉ. आर.पी. अग्रवाल ने मुद्रा योजना के संबंध में जानकारी देते हुए योजना की विशेषताएं बताईं। इसके पश्चात मुख्य वक्ता डॉ. गौरव शर्मा ने विस्तार से योजना के विभिन्न पक्षों से संबंधित तकनीकी पहलुओं पर जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि ’डन्क्त्। मुद्रा योजना’ के नाम से चर्चित प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (च्डडल्) वास्तव में एक मुद्रा लोन योजना है, जिसके अंतर्गत भारत सरकार द्वारा छोटे-छोटे कारोबारियों की मदद करने के लिए ऋण यानि लोन की व्यवस्था का प्रावधान है। इससे इन छोटे कारोबारियों को पूंजी सम्बन्धी दिक्कतों से सहयता मिल जाती है। इस योजना के माध्यम से अधिकतम 10 लाख रुपये तक के ऋण लेने की व्यवस्था है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना जिसे मुद्रा बैंक के नाम से भी जाना जाता है, की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 8 अप्रैल 2015 को नई दिल्ली में की गई थी।

मुद्रा योजना या मुद्रा बैंक योजना तीन प्रकार की होती है। तरुण, किशोर, और शिशु मुद्रा योजना। शिशु योजना के अंतर्गत 50,000 रुपये तक का लोन दिया जाता है। किशोर योजना के अंतर्गत 50,000 से 5 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। तरुण योजना के अंतर्गत 5 लाख से 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। तात्पर्य यह है कि इन योजनाओं को अलग-अलग क्षेत्रों के अलग-अलग व्यावसायिक गतिविधियों की जरूरतों के साथ-साथ अलग-अलग तरह के उद्यमियों एवं व्यवसायियों को मदद करने के उद्देश्य के लिए तैयार की गई हैं। 2018-19 तक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार रहीं हैं। 2015-16 में मुद्रा लोन के अंतर्गत 1,39,450 करोड़, 2016-17 में मुद्रा लोन के अंतर्गत 1,80,529 करोड़, 2017-18 में मुद्रा लोन के अंतर्गत 2,53,677 करोड़, 2018-19 में मुद्रा लोन के अंतर्गत 3,21,723 करोड़ रू. स्वीकृत किये गये हैं।

शोध समिति द्वारा आयोजित आज के इस समारोह में महाविद्यालय के उप-प्राचार्य डॉ. एन.एस. पटेल, शिक्षा संकायाध्यक्ष डॉ. पुष्पलता शर्मा, वाणिज्य संकायाध्यक्ष डॉ. पी.एस. शर्मा, डॉ. विनय शर्मा, डॉ. सलीम अकील, डॉ. के.एन. दिनेश, डॉ. मणीमेखला शुक्ला, डॉ. कविता वर्मा, डॉ. आरती मिश्रा, डॉ. रामा यादव, डॉ. हरीश कश्यप, डॉ. फिरोजा अली, श्रीमती अरूणा चौबे, श्री एस.एन. शुक्ला, श्रीमती विपाशा चौधरी, सुश्री पूर्वा शर्मा, सुश्री प्रियंका शर्मा, श्री उज्जवल पुरी गोस्वामी, श्री जितेन्द्र सिंह, मजहर खान सहित 59 प्राध्यापकों एवं प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह जानकारी शोध समिति और इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. लखन चौधरी ने दी है।

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